वाशिंगटन : सोशल मीडिया पर इन दिनों बच्चों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चों और किशोरों की फेसबुक, इंस्टाग्राम पर सक्रियता बढ़ी है. उम्र की इस दहलीज पर नई दुनिया से रू-ब-रू होने का यह एक खूबसूरत जरिया है, लेकिन इसका दुखद पहलू भी है. दरअसल, बच्चों की सेहत, खासकर मानसिक स्वास्थ्य पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है. मंगलवार को अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति ने बच्चों पर सोशल मीडिया के संभावित जोखिमों को लेकर चेताया है. उन्होंने अपने 19 पेज की एडवाइजरी में कई अहम सुझाव भी दिए हैं. इसमें उन्होंने अमेरिका के नीति-निर्माताओं व प्रौद्योगिकी कंपनियों से इस संबंध में बच्चों -किशोरों के लिए मानकों को मजबूत करने का आग्रह किया है.
अनिंद्रा के शिकार हो रहे बच्चे
अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति ने तकनीकी कंपनियों से उन बच्चों के लिए सूक्ष्म सुरक्षा उपाय करने का अनुरोध किया है, जो मस्तिष्क के विकास के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. उनका मानना है कि सोशल मीडिया के इस दौर में हम एक राष्ट्रीय युवा मानसिक स्वास्थ्य संकट के दौर से भी गुजर रहे हैं. उन्होंने इस पर तत्काल फोकस करने को कहा है. एडवाइजरी में एक सर्वेक्षण के हवाले से बताया गया है कि सोशल मीडिया किस कदर बच्चों-किशोरों के खाने के व्यवहार व नींद से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है. बच्चों को समाज से अलग-थलग करने के साथ ही आत्ममुग्धता और आत्मग्लानि भी पैदा करता है. यह किसी भी स्वस्थ समाज के लिए चिंताजनक है. यह एडवाइजरी ऐसे समय में आयी है, जब सोशल मीडिया को बच्चों व किशोरों लिए सुरक्षित बनाने के प्रयास दुनियाभर में किये जा रहे हैं. मिसाल के लिए यूनाइटेड किंगडम ने ऑनलाइन सेफ्टी बिल जैसे कानून बनाने की पहल की है.
13-17 वर्ष के 95 फीसदी किशोर करते हैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल
डॉ विवेक मूर्ति ने यह चेतावनी भी दी है कि 13 साल की उम्र भी सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए बहुत छोटी है. उन्होंने कहा कि यह उम्र युवाओं के आत्म सम्मान और उनके रिश्तों के लिए खतरा पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि मैंने जो आंकड़ा देखा है, उसके आधार पर मैं व्यक्तिगत रूप से कह सकता हूं कि 13 साल की उम्र सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इस आयुवर्ग के किशोरों की सक्रियता बढ़ना खतरनाक साबित हो सकता है. इससे वे अपने लक्ष्य से भटककर मानसिक अवसाद का शिकार हो सकते हैं.
13 वर्ष की आयु भी सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए बहुत छोटी
डॉ विवेक मूर्ति ने यह भी चेतावनी दी है कि 13 वर्ष की आयु भी सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए बहुत छोटी है. उन्होंने कहा कि यह उम्र युवाओं के आत्म-मूल्य और उनके रिश्तों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. कहा कि मैंने जो आंकड़ा देखा है, उसके आधार पर मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि 13 वर्ष की आयु बहुत इससे जुड़ने के लिए उचित नहीं है. सोशल मीडिया का अक्सर विकृत रहने वाला वातावरण इस आयुवर्ग को भटका सकता है. मानसिक अवसाद पैदा कर सकता है.
तत्काल कार्रवाई पर जोर
एडवाइजरी में कहा गया है कि अमेरिका को सुरक्षित और स्वस्थ डिजिटल वातावरण बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि बच्चों व किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़नेवाले प्रभाव को कम किया जा सके और उनकी सुरक्षा हो सके. डॉ. मूर्ति की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं हैं, वे सार्वजनिक बहस को गति दे सकती हैं और सांसदों और नियामकों को साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं ताकि उन्हें किसी मुद्दे को संबोधित करने में मदद मिल सके.
सोशल मीडिया से पैदा हो रहा यह खतरा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कई बच्चों के लिए जोखिम पेश कर रहा है. इनमें ऑनलाइन डराना, धमकाना और उत्पीड़न, गलत सूचना, अनुचित सामग्री के संपर्क में आना और निजता का उल्लंघन शामिल है.
अमेरिका में सर्जन जनरल का महत्व
अमेरिका में सर्जन जनरल देश के डॉक्टर होते हैं. उन्हें अमेरिकियों को उनके स्वास्थ्य को लेकर सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक जानकारी देने का जिम्मा सौंपा गया है. बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि अमेरिका इस संबंध में क्या कदम उठाता है.
क्या है उपाय
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परिवार के सदस्य आपस में खूब बातचीत करें, बच्चों को भी इस संवाद में जरूर शामिल करें.
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भोजन के वक्त या अन्य पारिवारिक गतिविधियों के समय परिवार के सभी सदस्य सोशल मीडिया का करें सीमित उपयोग.
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सोशल मीडिया के लत से बचने के लिए पारिवारिक मीडिया योजना बनाने की जरूरत, जिसमें एक तरह का स्व नियंत्रण हो.
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बच्चों और किशारों को सोशल मीडिया की लत से बचाने के लिए तकनीकी कंपनियां डिफॉल्ट सेटिंग्स बनाएं.
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सरकार प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के लिए उम्र के हिसाब से सुरक्षा मानक तैयार करे.
रिपोर्ट में दावा
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रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 95 फीसदी किशोरों ने कम-से-कम एक बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया.
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एक तिहाई से अधिक ने सोशल मीडिया का लगातार उपयोग किया.
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सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करनेवाले बच्चों के बीच चिंता-अवसाद की घटनाएं बढ़ी हैं.
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के मोंटाना और यूटा ने उठाया ये कदम
सबसे बड़ी बात यह है कि अमेरिका के सर्जन जनरल की एडवाइजरी से पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित मोंटाना ने इस दिशा में कदम उठाए हैं. यहां के गवर्नर ने हाल ही में राज्य में टिकटॉक को बैन करने वाले एक बिल को मंजूरी दी है. इसका मकसद बच्चों और किशोरों को इस ऐप की बेवजह लत से बचाना है. वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अन्य राज्य यूटा में किशोरों को सोशल मीडिया की आदत से बचाने के लिए भी यह कदम उठाया है. यहां 18 वर्ष से कम उम्र के यूजर्स अपने माता-पिता की अनुमति से ही सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट खोल सकते हैं या फिर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
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