देशभर में त्योहारों का मौसम चल रहा है. ऐसे में लोगों को यह चिंता सता रही है कि क्या बारिश त्योहार के मौसम में खलल डालेगी. इस बीच खबर है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उसके नजदीक लक्षद्वीप के क्षेत्र के ऊपर एक संभावित चक्रवाती प्रणाली तैयार हो चुकी है. इस बाबत भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने जानकारी दी है. विभाग की ओर से बताया गया है कि अरब सागर में कम-दबाव का क्षेत्र तैयार हो रहा है और यदि यह तेज हुआ तो चक्रवात का रूप ले सकता है.

मौसम विभाग ने बताया कि लक्षद्वीप क्षेत्र और निकटवर्ती दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल तट पर चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ चुका है. दक्षिण-पूर्व अरब सागर और निकटवर्ती लक्षद्वीप क्षेत्र पर नजर आ रहा है जिसके प्रभाव से अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के आसार हैं.

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मौसम प्रणाली के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ने और 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव में तब्दील होने के आसार हैं. हालांकि अधिकारियों द्वारा चक्रवात की संभावित तीव्रता का निर्धारण नहीं किया गया है.

मौसम विभाग ने कहा है कि वे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. यहां चर्चा कर दें कि समुद्र का गर्म तापमान अक्टूबर और दिसंबर के बीच की अवधि को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती परिसंचरण के विकास के लिए अनुकूल बना देता है. इस वजह से तूफान की आशंका बन जाती है. हालांकि, 2022 में मानसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर में कोई उष्णकटिबंधीय तूफान देखने को नहीं मिला है. वहीं बंगाल की खाड़ी में दो उष्णकटिबंधीय तूफान सितारंग और मैंडौस देखने को मिले.

हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के लिए अपनाए जाने वाले नामकरण सूत्र के अनुसार मीडिया में जो खबरें चल रहीं हैं, यदि भारतीय समुद्र में उठने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान चक्रवात में बदलते हैं तो इसे ‘तेज’ की संज्ञा दी जाएगी.
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