यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने के बाद से वहां 40 मजदूर फंसे हुए हैं. रविवार सुबह हुए हादसे के बाद से वहां राहत बचाव कार्य जारी है. मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन चार दिन के बाद भी मजदूरों को सुरंग के बाहर लाने में सफलता नहीं मिली है.

इस बीच खबर है कि गुरुवार सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किये गये. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई. आपको बता दें कि यहीं सुरंग के अंदर मजदूर फंसे हुए हैं.

सिलक्यारा सुरंग में मजदूर एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं जिनसे वॉकी-टॉकी की मदद से बातचीत की जा रही है. सुरंग में फंसे मजदूरों में बिहार, झारखंड और यूपी के मजदूर भी हैं. एक अधिकारी ने बताया कि खाने पीने को सामान अंदर भेजा जा रहा है. सुरंग के अंदर बिजली है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से ज्यादा मलबा पड़ा है. रेस्क्यू टीम को इस बात से दिक्कत हो रही है कि सुरंग का ये हिस्सा बेहद कमजोर है. जैसे ही मलबा हटाने की कोशिश होती है, मलबा फिर से सुरंग में गिर जाता है. मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, पानी, खाना, दवाई भेजने का काम जारी है.

मजदूरों को निकालने की हर संभव कोशिश अब तक नाकाम साबित हुई है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को रेस्क्यू टीम को सफलता हाथ लग सकती है. बचाव अभियान को बुधवार को उस समय झटका लगा, जब एस्केप टनल बनाने के लिए शुरू की गयी ड्रिलिंग को ताजा भूस्खलन की वजह से रोकना पड़ा.

सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयासों में भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी.

इस बीच पिछले चार दिनों से अधिक समय से फंसे मजदूरों के परिजन अब अपना धैर्य खोते नजर आ रहे हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयासों में हो रही देरी के विरोध में उनके परिजनों ने निर्माणाधीन सुरंग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
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