Tuesday, October 3, 2023
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Nipah virus in Kerala: इस गांव में पेड़ों पर नहीं लगते फल केवल नजर आते हैं चमगादड़, लोगों में दहशत

Nipah virus in Kerala : केरल के कोझिकोड के एक अस्पताल में निगरानी में रखे गए व्यक्ति में निपाह वायरस के एक और मामले की पुष्टि हुई है. इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय द्वारा दी गई है. इस बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो सुर्खियों में है. दरअसल, उदुंबनचोला तालुक के करुणापुरम गांव में 15 एकड़ से अधिक क्षेत्र में पेड़ नजर आते हैं लेकिन इन पेड़ों पर कोई फल नहीं आता बल्कि यहां फ्रूट बैट्स दिखाई पड़ते हैं.

यहां के स्थानीय लोगों की मानें तो चमगादड़ आम तौर पर थूकुपालम से छोट्टुपारा क्षेत्र के करुणापुरम पंचायत के पहले, दूसरे और तीसरे वार्ड के खेत के पेड़ों पर कम संख्या में दिखते थे, लेकिन इस साल जुलाई से उनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और अब ये हजारों की संख्या तक पहुंच गये हैं.

Nipah virus photo

आपको बता दें कि कोझिकोड में निपाह वायरस के मामलों में वृद्धि के बाद लोग चिंतित है. बताया जा रहा है कि चमगादड़ों ने यहां परेशानी बढ़ा दी है. वे पौधों की उपज खा रहे हैं और यहां कॉफी और इलायची के बागानों को पूरी तरह से नष्ट कर दे रहे हैं. चमगादड़ों का दहशत इलाके में इतना है कि इस क्षेत्र में कोई भी पेड़ों पर उगने वाले फल नहीं खाता है. निपाह की दहशत के बाद पंचायत के स्वास्थ्य अधिकारियों और वन अधिकारियों ने गुरुवार को इलाके में निरीक्षण किया है.

जागरुकता फैलाया जाएगा लोगों के बीच

मामले को लेकर करुणापुरम पंचायत के अध्यक्ष मिनी प्रिंस ने कहा कि नगर निकाय जल्द ही यहां के लोगों के लिए खुले टैंकों और जल निकायों के पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करने को लेकर जागरुकता फैलाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उनमें चमगादड़ों का मल हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यहां के लोगों को चमगादड़ों द्वारा काटे गए किसी भी फल को न खाने की सलाह दी गई है. इधर, कुमिली वन रेंज अधिकारी अनिल कुमार ए और बीट वन अधिकारी निशाद पीएस ने कहा कि इस क्षेत्र में बांस सहित अन्य पेड़ों पर लगभग एक लाख फ्रूट बैट्स के होने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि चमगादड़ इस क्षेत्र में हर पका हुआ फल खा रहे हैं और उनकी संख्या कल्पना से बहुत ही ज्यादा है. कोट्टायम डीएफओ ने आवासीय क्षेत्रों के पास पेड़ों की कटाई के लिए मंजूरी दे दी है, चूंकि क्षेत्र की अधिकांश भूमि पर एलए टाइटल डीड हैं, इसलिए पेड़ों की छंटाई के लिए वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता होती है.

चमगादड़ों को डराने के लिए पटाखे न फोड़ने की सलाह

वन अधिकारी निशाद ने कहा कि हमने लोगों को चमगादड़ों को डराने के लिए पटाखे न फोड़ने की सलाह दी है और हमें स्वास्थ्य अधिकारियों से सलाह मिली है कि चमगादड़ों में दहशत पैदा करने से वे अधिक स्वाब छोड़ते हैं. इस बीच जिला कलेक्टर शीबा जॉर्ज ने कहा कि कोझिकोड में निपाह के प्रकोप के मद्देनजर डीएमओ को क्षेत्र में निरीक्षण करने के लिए बुधवार को आदेश जारी किए गए थे.

Nipah virus in Kerala

केरल में एक और व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित

इस बीच खबर है कि केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से संक्रमण के एक और मामले की पुष्टि हुई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि 39 वर्षीय व्यक्ति के नमूने में निपाह वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है. उसे एक अस्पताल में निगरानी में रखा गया है. एक बयान में कहा गया कि व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल में इलाज की मांग की थी. नए मामले के साथ ही कोझिकोड में निपाह संक्रमण के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है.

निपाह वायरस आखिर है क्या?

सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की मानें तो निपाह वायरस के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. यहीं से इसका नाम निपाह वायरस पड़ा. उस वक्त कुछ सुअर के किसानों को मस्तिष्क में बुखार हुआ था. इसलिए इस गंभीर बीमारी के वाहक सुअर को बताया गया. सिंगापुर में भी इसके बारे में 1999 में पता चला था. ये सबसे पहले सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है. इसके बाद संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी चपेट में ये लेता है.


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