Tuesday, September 26, 2023
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Nipah Virus: निपाह वायरस का वैक्सीन बनाएगा भारत! जानें आईसीएमआर ने क्या दी जानकारी

Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. इस बीच खबर है कि भारत निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का काम करेंगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल की ओर से यह जानकारी दी गई है.

केरल में निपाह वायरस संक्रमण के मामले बार-बार सामने आने और कोरोना संक्रमण के मुकाबले मृत्यु दर काफी अधिक होने के बीच राजीव बहल ने कहा कि आईसीएमआर इस संक्रामक बीमारी से निपटने के लिए एक वैक्सीन तैयार करने की भी योजना पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक है (40 से 70 प्रतिशत के बीच), जबकि कोरोना काल में मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी.

2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराकें मिलीं

आगे आईसीएमआर के महानिदेशक राजीव बहल ने कहा कि हमें 2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराकें मिलीं. वर्तमान में खुराकें केवल 10 मरीजों के इलाज के काम में लाया जा सकता है. भारत के बाहर निपाह वायरस से संक्रमित 14 मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दी गई और वे सभी बच गए हैं. दवा के सुरक्षित होने को तय करने के लिए केवल चरण-1 का परीक्षण बाहर किया गया है. प्रभावक्षमता का परीक्षण नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इसे केवल उन्हीं रोगियों को दिया जा सकता है, जिनके इलाज के लिये कोई अधिकृत संतोषजनक उपचार विधि नहीं है. उनके मुताबिक, भारत में अब तक किसी को भी यह दवा नहीं दी गई है.

Nipah Virus updates

आईसीएमआर के महानिदेशक ने बताया कि 20 और खुराक खरीदी जा रही हैं. लेकिन संक्रमण के शुरुआती चरण में ही दवा देने की जरूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि केरल में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी मरीज ‘इंडेक्स मरीज’ (संक्रमण की पुष्टि वाले पहले मरीज) के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं.

जानें क्या है निपाह वायरस?

सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की मानें तो निपाह वायरस के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. यहीं से इसका नाम निपाह वायरस पड़ा. उस वक्त कुछ सुअर के किसानों को मस्तिष्क में बुखार हुआ था. इसलिए इस गंभीर बीमारी के वाहक सुअर को बताया गया. सिंगापुर में भी इसके बारे में 1999 में पता चला था. ये सबसे पहले सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है. इसके बाद संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी चपेट में ये लेता है.

कैसे फैलता है निपाह वायरस?

निपाह वायरस की बात करें तो ये संक्रमित चमगादड़, संक्रमित सूअरों या अन्य NiV संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है जो एक गंभीर इंफेक्शेन की श्रेणी में आता है. यह इंफेक्शीन फ्रूट बैट्स या flying foxes के माध्यम से भी प्रसारित होता है जो हेंड्रा और नेपाह वायरस के प्राक्रतिक संग्रह के समुदाय हैं. ये वायरस चमगादड़ के मूत्र, मल, लार और प्रसव तरल पदार्थ में मौजूद होता है.

निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं जानें

-निपाह वायरस संक्रमण के शुरूआती दौर में सांस लेने में समस्या होने लगती है. वहीं आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं.

– बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, उल्टी और बेहोशी निपाह वायरस से संक्रमित को परेशान करती है.

Nipah Virus updates

– मनुष्यों में निपाह वायरस, encephalitis से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से मस्तिष्क में सूजन होने लगती है.

– संक्रमण के लक्षणों को सामने आने में आमतौर पर पांच से चौदह दिन लग सकते हैं.

– संक्रमण बढ़ जाने से मरीज कोमा में भी जा सकता है और इसके बाद इंसान की जान भी जा सकती है.


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