भारत से बड़ी संख्या में कामगार सऊदी अरब में रोजगार के लिए जाते हैं. उनकी हितों के लिए वहां के सरकार ने नया नियम बना दिया है.

सऊदी जाने वाले मजदूरों की रक्षा और श्रम रोजगार में सुधार के लिए ये घोषणाएं की गयी हैं.

सऊदी अरब ने नए नियमों की घोषणा कर घरेलू कामगारों के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल तय कर दी है.

नौकरी देने वाले के ऊपर मजदूरों के बकाया को अब प्रथम श्रेणी का ऋण माना जाएगा. यानी अब न्योक्ता को मजदूरों के अधिकार को प्राथमिकी देनी होगी.

सप्ताह में एक दिन मजदूर को 24 घंटे का साप्ताहिक अवकास देना होगा. इसके साथ ही, दिन में 10 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकते.

नौकरी देने वाले कंपनी या व्यक्ति को श्रमिक को कॉन्ट्रेक्ट में वेतन, भूगतान के तरीके, अधिकार-जिम्मेदारियां, काम के घंटे और छुट्टियों की पूरी जानकारी देनी होगी.

कंपनी अब मजदूर का पासपोर्ट अपने पास नहीं रख सकती. साथ ही, न्योक्ता को मजदूर को आवास और खाना देना होगा.

नये नियम के अनुसार, नौकरी पाने वाले श्रमिक को इस्लामी सिद्धांतों का सम्मान और सऊदी के कानूनों और सामाजिक परंपराओं का पालन करना जरूरी होगा.
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