जबलपुर, नईदनिया प्रतिनिधि। जबलपुर के पनागर में इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन दे रहे हैं। भागवत कथा के तीसरे दिन महाराज ने कहा कि हमारी कथा हिंदुओं ने बहुत करवाई है। लेकिन अब राम कथा मुस्लिम परिवार भी कराएगा। उन्होंने घोषणा की कि पहली बार ऐसा होगा कि कटनी के तनवीर खान और परिवार कटनी में तीन दिन की कथा करवाएगा। वे मेरे शिष्य और भक्त के साथ ही मुस्लिम समाज के अध्यक्ष भी हैं। उनका आग्रह था कि हम लोग कथा सुनना चाहते हैं। हमने उन्हें अनुमति दे दी है।
भागवत कथा के तीसरे दिन बताई समर्पण की महिमाः
जीवन संग्राम के सभी युद्ध यदि जीतना है तो स्वयं की लगाम परमात्मा को सौंप दो। लगाम अपने हाथों में रखोगे तो हारना ही पड़ेगा। ये बात बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्रीजी महाराज ने कही। वे पनागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से कथा पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अर्जन ने महाभारत युद्ध जीता ही इसलिए क्योंकि रथ की डोर उन्होंने भगवान को सौंप दी थी। हम भी जीवन संग्राम में उतरने के पहले खुद को परमात्मा को सौंप दें।
गीता हनुमानजी ने सुनीः
महाराजश्री ने कहा कि ऐसा मेरा मानना है कि अर्जुन का मोह तो बहाना था। श्रीकृष्ण जी को गीता ज्ञान तो श्री हनुमानजी को सुनाना था, जो रथ के शीर्ष पर विराजमान थे। श्री हनुमानजी महाराज ने रामजी से सदा प्रार्थना की थी कि उन्हें ज्ञान प्रदान करें। हनुमानजी ने युद्ध का भार सम्हाल लिया। हम भी भगवान की शरण लेंगे तो हनुमानजी महाराज हमारे बोझ ले लेंगे।
सय्यम जीवन का बड़ा मंत्रः
राजा पारीक्षित की कथा सुनाते हुए महाराज श्री ने कहा कि सय्यम जीवन को बड़ा सिद्ध मंत्र है। राजा पारीक्षित को आत्म नियंत्रण के चार उपाय बताए गए। आसन पर स्थिर रहो, श्वासों को साधो, संग-सत्संग पर ध्यान दो और इंद्रियों को जीत लो। दिती कश्यप की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि संध्या के समय निंद्रा-भोजन, मैथुन और स्वाध्याय करने पर दोष लगता है।
सुमति-कुमति का खेलः
उन्होंने कहा की जीवन में सब कुछ सुमति और कुमति पर निर्भर होता है। श्रीरामचरित मानस में विभीषण जी भी सोते हैं, कुंभकरण भी सोते हैं। ये दोनों जगाए जाते हैं। इन दोनों में सुमति-कुमति का अंतर है। जिस पर रघुनाथ की कृपा होती है उसमें सुमति होती है, और उसे संत जगाता है। जिसमें कुमति होती है, उसे रावण जगाता है। अत: सुमति यानी बुद्धि को ईश्वरीय बनाने के लिए संतों का संग करो।
किसी के चक्कर में मत पड़ोः
उन्होंने कहा कि जीवन सफल करना है कि किसी के चक्कर में पड़े बिना भगवान के चक्कर में पड़ो। उन्होंने कहा कि मुझ पर बागेश्वर धाम महाराज की कृपा है। आप भी हाथों में नारियल लेकर बाघेश्वर सरकार से बोलो बहुत धक्के खा लिए। आज से हम तुम्हारे और तुम हमारे। इतना कह कर लौट आना फिर तुम जिस दिन भी जाना पेशी करने। जरूरी नहीं मंगल को जाना। जिस दिन जाओगे वो दिन मंगल का होगा। घर बाघेश्वर हो जाएगा।
महापौर ने की आरतीः
कथा के पूर्व महाराजश्री ने श्रीमद भागवत कथा पोथी और भगवान की पूजन की। आयोजन समिति की ओर से हुई आरती में आज शहर के प्रथम नागरिक महापौर जगत बहादुर अन्नू सहित समाजसेवी लेखराज सिंह, सत्येन्द्र पटेल और अन्य विशिष्टजन शािमल हुए। महाराज श्री ने सभी को रामनामी पहना आशीर्वाद दिया। आयोजक पनागर विधायक सुशील इंदू तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आज मंगलवार को भी सुबह 10 बजे से दिव्य दरबार लगेगा। एवं दोपहर निर्धारित समय से भागवत कथा होगी।
Posted By: Jitendra Richhariya
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