Publish Date: | Mon, 06 Mar 2023 09:19 AM (IST)
Bhopal News :भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आप और हम अलग नहीं हैं। हममें कोई छूत-अछूत नहीं हैं, हम सब एक हैं, आपके और हमारे महापुरुष एक हैं। हमारा रक्त का संबंध है। सभी को शिक्षा, आवास जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे। यह बात विमुक्त घुमंतू, अर्द्धघुमंतू जनजाति समाज के अखिल भारतीय संयोजक दुर्गादास व्यास ने सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान पर आयोजित समाज के सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा िकि विमुक्त, घुमंतू, अर्द्धघुमंतु, जनजाति समाज को मुख्यधारा में लाना जरूरी है। हम शासन-सरकार या राजनैतिक दलों के लोग नहीं हैं। हमारा उद्देश्य सर्व विमुक्त घुमन्तु समाज के लोगों के उत्थान, कल्याण, विकास एवं उनकी समास्याओं के लिए कार्य करने का है। हम सभी मिलकर शासन-प्रशासन तक आपके हित के लिए आवाज उठाने का कार्य करेंगे। विमुक्त, घुमंतू जनजाति के इतिहास पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विमुक्त, घुमन्तु जनजातीय समाज ने समाज की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग काम घूम-घूम कर जिम्मे लिया था। घुमंतू समाज देशभक्त, स्वाभिमानी और सम्पन्न समाज है। आक्रांताओं से लड़ाई में घुमंतुओं का महत्वपूर्ण योगदान है। घुमंतू समाज के लोग देश के आर्थिक, धार्मिक, स्वतंत्रता सेनानी हैं। देश के लिए इतना सब करने के बाद भी इस समाज को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड सहित अन्य छोटे-छोटे अधिकारों तक से 70 वर्षों से वंचित रखा गया। सभी से जातियों में न बंटने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी विमुक्त घुमंतू समुदाय के लोग अपने अधिकारों के लिए एकत्रित होकर आवाज उठाएं। मतांतरण के बहकावे में न आएं। पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल ने अपने उध्बोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम जनजगरुकता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने सरकार द्वारा घुमंतू जनजाति के लिए किये जा रहे कार्यों की विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने समाज के लिए एक कैंप लगाकर सभी लोगों की समस्याओं का समाधान करने की बात कही। सम्मेलन में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल, गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महारार, महंत जगदीशदास सहित विमुक्त घुमंतू जनजाति के मुखिया, अध्यक्ष, पंच सहित सपेरा, बंजारा, कुचबंदिया, नट, लोहापीटा, करावत बेड़िया, पारदी, कंजर, पासी, सिखलीघर एवं अन्य घुमंतू जनजाति समाज के बंधु जन शामिल हुए।
-शोभयात्रा निकाली गई
समाज के लोगों ने भगवान शिव, भारत माता सहित समाज के महापुरुषों की झांकी के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली। सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान से शुरू हुई। इसमें विमुक्त घुमक्कड़/अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के लोग एकत्रित होकर ढ़ोल, बैंड आदि के साथ शोभायात्रा में नांचते गाते हुए चल रहे थे। जिनका समाज के लोगों ने जगह-जगह पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। यह शोभायात्रा सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान से भारत टॉकीज चौराहा से प्रारंभ होकर इतवार, ट्रांसपोर्ट एरिया, मंगलवारा, आजाद मार्केट, लोहा बाजार, लखेरापुरा से होते हुए भवानीचौक पर पहुंचीं। शोभायात्रा के समापन के अवसर पर भवानी चौक पर भारत माता की भव्य आरती की गई।
आप और हम अलग नहीं हैं। हममें कोई छूत-अछूत नहीं हैं, हम सब एक हैं, आपके और हमारे महापुरुष एक हैं। हमारा रक्त का संबंध है। सभी को शिक्षा, आवास जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे। यह बात विमुक्त घुमंतू, अर्द्धघुमंतू जनजाति समाज के अखिल भारतीय संयोजक दुर्गादास व्यास ने सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान पर आयोजित समाज के सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा िकि विमुक्त, घुमंतू, अर्द्धघुमंतु, जनजाति समाज को मुख्यधारा में लाना जरूरी है। हम शासन-सरकार या राजनैतिक दलों के लोग नहीं हैं। हमारा उद्देश्य सर्व विमुक्त घुमन्तु समाज के लोगों के उत्थान, कल्याण, विकास एवं उनकी समास्याओं के लिए कार्य करने का है। हम सभी मिलकर शासन-प्रशासन तक आपके हित के लिए आवाज उठाने का कार्य करेंगे। विमुक्त, घुमंतू जनजाति के इतिहास पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विमुक्त, घुमन्तु जनजातीय समाज ने समाज की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग काम घूम-घूम कर जिम्मे लिया था। घुमंतू समाज देशभक्त, स्वाभिमानी और सम्पन्न समाज है। आक्रांताओं से लड़ाई में घुमंतुओं का महत्वपूर्ण योगदान है। घुमंतू समाज के लोग देश के आर्थिक, धार्मिक, स्वतंत्रता सेनानी हैं। देश के लिए इतना सब करने के बाद भी इस समाज को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड सहित अन्य छोटे-छोटे अधिकारों तक से 70 वर्षों से वंचित रखा गया। सभी से जातियों में न बंटने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी विमुक्त घुमंतू समुदाय के लोग अपने अधिकारों के लिए एकत्रित होकर आवाज उठाएं। मतांतरण के बहकावे में न आएं। पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल ने अपने उध्बोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम जनजगरुकता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने सरकार द्वारा घुमंतू जनजाति के लिए किये जा रहे कार्यों की विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने समाज के लिए एक कैंप लगाकर सभी लोगों की समस्याओं का समाधान करने की बात कही। सम्मेलन में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल, गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महारार, महंत जगदीशदास सहित विमुक्त घुमंतू जनजाति के मुखिया, अध्यक्ष, पंच सहित सपेरा, बंजारा, कुचबंदिया, नट, लोहापीटा, करावत बेड़िया, पारदी, कंजर, पासी, सिखलीघर एवं अन्य घुमंतू जनजाति समाज के बंधु जन शामिल हुए।
-शोभयात्रा निकाली गई
समाज के लोगों ने भगवान शिव, भारत माता सहित समाज के महापुरुषों की झांकी के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली। सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान से शुरू हुई। इसमें विमुक्त घुमक्कड़/अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के लोग एकत्रित होकर ढ़ोल, बैंड आदि के साथ शोभायात्रा में नांचते गाते हुए चल रहे थे। जिनका समाज के लोगों ने जगह-जगह पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। यह शोभायात्रा सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान से भारत टॉकीज चौराहा से प्रारंभ होकर इतवार, ट्रांसपोर्ट एरिया, मंगलवारा, आजाद मार्केट, लोहा बाजार, लखेरापुरा से होते हुए भवानीचौक पर पहुंचीं। शोभायात्रा के समापन के अवसर पर भवानी चौक पर भारत माता की भव्य आरती की गई।
Posted By: Lalit Katariya
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