Publish Date: | Thu, 23 Feb 2023 10:09 AM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सड़कों में फेंके जा रहे कचरे और इनके आसपास रखे कंटेनरों को हटाकर नगर निगम द्वारा स्मार्ट बिन लगाए गए थे, जिससे लोग कचरा इन स्मार्ट बिन में ही फेंके और खुले में गंदगी ना हो। लेकिन स्मार्ट बिन की सफाई और मरम्मत नहीं होने से इसमें जाने वाला कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है। बीते पांच वर्ष पहले 13 करोड़ रुपये खर्च कर 190 स्मार्ट बिन खरीदे गए थे, लेकिन अब निगम इन्हें उखाड़ने की तैयारी कर रहा है। इनमें आधे सैकड़ा स्मार्ट बिन सड़कों के किनारे से हटाकर न्यूमार्केट स्थित मल्टी लेवल पार्किंग के बैक यार्ड में रखे हैं।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट सिटी ने राजधानी में रियल टाइम कचरा कलेक्शन के लिए स्मार्ट डस्टबिन के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। प्रथम चरण में 40 स्मार्ट बिन लगाई गई थीं। उसके छह महीने बाद शहर में 100 स्थानों पर 150 स्मार्ट बिन लगाई गई। आधिकारिक तौर पर बताया गया कि इन स्मार्ट बिन पर लगभग 13.50 करोड़ खर्च किए गए। इस छोटे से स्मार्ट बिन में दो टन कचरा इकट्ठा करने की क्षमता है। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने बेंगलुरु की जोंटा कंपनी से इस प्रोजेक्ट के लिए करार किया था। इसके तहत पांच वर्ष तक स्मार्ट बिन को साफ करने और रखरखाव की जिम्मेदारी इसी कंपनी को संभालनी थी। जहां कचरा कम है, वहां एक स्मार्ट बिन लगाया गया और जहां कचरा अधिक निकलता है, वहां दो स्मार्ट बिन एकसाथ लगाए गए थे। इसमें कचरा डालने का ढक्कन ऊपर से खुलता था। इसमें सेंसर भी लगे थे।
लगाने से पहले किए गए दावे नहीं हुए पूरे
नगर निगम के अधिकारियों ने दावा किया था कि स्मार्ट बिन में कचरा भरते ही कंट्रोल रूप पर जानकारी आएगी। कचरा निकालने के बाद स्मार्ट बिन को पानी से साफ करेंगे। सेंसर और पेडल से ढक्कन खोलने की व्यवस्था होगी। स्मार्ट बिन रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक वाले हैं। एक चैंबर में दो डस्टबिन लगाए हैं। एक में गीला, दूसरे में सूखा कचरा एकत्र करना था, लेकिन हालात इसके उलट हैं। जिस कंपनी ने स्मार्ट बिन की आपूर्ति की थी, उसकी पांच वर्ष तक मरम्मत और प्रतिदिन धुलाई की जिम्मेदारी दी गई थी। ना तो इनकी सफाई हो रही है और ना इनका कचरा निकाला जा रहा है। योजना को असफल होते देख नगर निगम के अधिकारियों ने खुद इन स्मार्ट बिन को उखड़वाना शुरू कर दिया है।
इसलिए असफल हुई स्मार्ट बिन की योजना
इन स्मार्ट बिन को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया था, लेकिन नियमित सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। स्मार्ट बिन को उठाने के लिए वाहन तय थे, लेकिन इनकी पानी से धुलाई नहीं होती है। आटोमेटिक सेंसर झूठ साबित हुए। इसी तरह घटिया पेडल होने के कारण टूट गए। ये दावे कागजी और हवा-हवाई ही रहे। ऐसा कुछ नहीं हो पाया। अधिक कचरा फेंकने वाले स्थानों पर दो डस्टबिन तो लगाए गए हैं, लेकिन मौके पर सेग्रिगेशन नहीं हो रहा है।
Posted By: Ravindra Soni
Source link
Recent Comments