Bhopal News : भाेपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गाय का दूध अमृत के समान हाेता है।
यह सद्विचार मंगलवार काे दी आर्ट आफ लिविंग की साध्वी राधा रानी (बरसाना वाली) ने व्यक्त किए। वह दी आर्ट आफ लिविंग द्वारा आकाश गंगा कालोनी, शाहपुरा के शिवशक्ति मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर रही थीं। इस अवसर पर उन्हाेंने भगवान कृष्ण कन्हैया के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।
गाय का दूध अमृत के समान बताया। जब भगवान श्रीकृष्ण नंद गांव पहुंचे तो देखा कि गांव में इंद्र पूजन की तैयारी में 56 भोग बनाए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण ने नंद बाबा से पूछा कि कैसा उत्सव होने जा रहा है। जिसकी इतनी भव्य तैयारी हो रही है। नंद बाबा ने कहा कि यह उत्सव इंद्र भगवान के पूजन के लिए हो रहा है, क्योंकि वर्षा के राजा इन्द्र है और उन्हीं की कृपा से वर्षा हो सकती है। इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस पूजन का आयोजन हो रहा है। इस पर श्रीकृष्ण ने इंद्र के लिए हो रहे यज्ञ को बंद करा दिया और कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल मिलता है। इससे इंद्र का कोई मतलब नहीं है। ऐसा होने के बाद इंद्र गुस्सा हो गए और अतिवृष्टि कराना शुरु कर दिए। नंद गांव में इससे त्राहि-त्राहि मचने लगी तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया। नंद गांव के लोग सुरक्षित हो गए। इसके बाद से ही गोवर्धन पूजा का क्रम शुरु हुआ। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों ,संस्था की जूही सिंह, योगिता गंजम,और पंडितजी द्वारा विधि विधान से कराई गई। अन्त में आरती के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया। बुधवार काे कृष्ण रासलीला और कृष्ण- रुक्मणि विवाह का वर्णन किया जाएगा।
Posted By: Lalit Katariya
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