Publish Date: | Mon, 27 Feb 2023 09:26 AM (IST)
Gwalior News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। पुरानी छावनी पर अटल द्वार के पास तैयार कराए गए तानसेन चौराहे का दो साल बाद भी उद्घाटन नहीं हो सका है। इस चौराहे पर संगीत सम्राट तानसेन की अलग-अलग मुद्राओं में चार मूर्तियां लगाई गई हैं, लेकिन इन मूर्तियों को कपड़े से ढंककर रखा गया है। इस चौराहे पर म्यूजिकल फाउंटेशन और आकर्षक लाइटिंग भी चालू की जानी थी, लेकिन उद्घाटन के इंतजार में यह कार्य भी शुरू नहीं हो सका है।
संगीत सम्राट तानसेन की विभिन्न गायन मुद्राओं की मूर्तियों व म्यूजिकल फाउंटेन से सुसज्जित चौराहा दो साल पहले तैयार किया गया था। 1.87 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस चौराहे की खूबसूरती शहर के लोग आज तक नहीं देख पाए हैं। उद्घाटन नहीं होने के कारण न तो संगीत सम्राट तानसेन की मूर्ति से कपड़ा हटाया गया है और न ही वहां पर लाइटिंग शुरु हो पाई है। अभी मूर्तियों के मुंह पर कपड़े बंधे हुए हैं। हर दो से तीन महीने में कपड़े खराब हो जाते हैं, तो कपड़ों को बदलने का काम किया जाता है। इस चौराहे को तानसेन चौराहा बनाने को लेकर काफी विवाद रहा है। संगीत सम्राट तानसेन की प्रतिमा लगाने के लिए प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री ने मल्लगढ़ा चौराहे पर भूमि पूजन कर दिया था, जिसके बाद काफी विवाद शुरू हो गया था। विवाद का कारण यह था कि मल्लगढ़ा चौराहे पर वीरांगना अवंती बाई की प्रतिमा लगाने के लिए 22 अगस्त 2008 को नगर निगम परिषद ने ठहराव क्रमांक 421 में प्रस्ताव पास किया था। उसके बाद अटल द्वार के पास तानसेन चौराहा तैयार किया गया। इस चौराहे पर मूर्तियों के बीच में 11 फुट ऊंचाई के वटवृक्ष की स्थापना की गई है। मूर्ति के पास ही वाद्य यंत्र प्रदर्शित किए गए हैं। चौराहे के उद्घाटन के बाद यहां पर यहां पर राग के साथ लाइट प्रदर्शित देखने को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए लाइट एंड साउंड इफेक्ट बाहर से मंगाया गया है। लाइट शुरु हो जाने पर यह चौराहा शहर की छवि को प्रस्तुत करता नजर आएगा।
Posted By: anil tomar
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