Publish Date: | Tue, 07 Mar 2023 10:33 AM (IST)
जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)
आओ जलाएं कंडों की होली अभियान रंग लाया है। उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा से लेकर अधारताल, रांझी व बरगी नगर तक जगह-जगह कंडों की होली मनाने का निर्णय लिया गया है। गोशालाओं से काफी मात्रा में कंडे क्रय हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवारों को कंडों का रोजगार मिल गया। उन्होंने मांग के अनुरूप काफी कंडे बनाए और होलिकोत्सव समितियों को विक्रय किए।
मां नर्मदा साप्ताहिक सेवा समिति व विश्व हिंदु महासंघ, विधि प्रकोष्ठ के पदाधिरियों ने बताया कि जबलपुर में लकड़ी की होली का स्थान व्यापक रूप से कंडों की होली ने ले लिया है। कई होलिकोत्सव समितियों ने कंडों का ढेर सुरक्षित स्थान पर रख लिया था। यह सावधानी काम आई। आंधी और बूंदा बांदी के कारण कंडे गीले होने से बच गए। सूखे कंडे अपेक्षाकृत तेजी से आग पकड़ेंगे। यदि कंडे ठीक से रखने की होशियारी न की गई होती तो गीले कंडे दिक्कत पैदा करते। उनसे काफी धुंआ निकलता। किंतु अब सूखे कंडे दहकने लगेंगे।
इन्होने यह कहा..
नईदुनिया के अभियान की सफलता का दिन है। बीते दिनों जो प्रेरणा दी गई, वह आज रात साकार होगी। हमारे क्षेत्र में कई जगहों पर कंडों की होली जलाने की तैयारी है। गोकाष्ठ भी एकत्र किए गए हैं। इससे उम्मीद है कि पर्यावरण प्रदूषण नहीं होगा। अब लोग जागरुक हो गए हैं।
-गोपाल शर्मा, रांझी
घमापुर से लेकर अधारताल तक मुआयना कर चुका हूं। मैंने देखा है कि होलिकोत्सव समितियां कंडों की होली जलाने के सिलसिले में जागरुक हो गई हैं। इस बार चंदे के समानांतर कंडे दान लेने के प्रति विशेष जागृति देखने को मिली। इससे पर्यावरण को काफी फायदा होगा।
-मनाेज चतुर्वेदी, ब्यौहारबाग
कैंट क्षेत्र में होलिकाेत्सव समितियों ने नईदुनिया के अभियान से प्रेरणा लेकर एकजुटतापूर्वक होली मनाने का निर्णय लिया है। यहां एक मोहल्ला-एक होली की अवधारणा साकार हो गई है। इसीलिए रात में जब होली जलेगी तो एकता की मशाल भी प्रज्जवलित हाेगी। कंडों की अग्नि पर्यावरण को शुद्ध करेगी।
-संदेश दीक्षित, सदर
Posted By: Jitendra Richhariya
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