Sunday, March 26, 2023
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Indore Crime News: गिरफ्तारी के दो सप्ताह बाद ही पुलिस को पता चल गया था कि आरोपित नाबालिग है, फिर भी कोर्ट को नहीं बताया

Publish Date: | Mon, 06 Mar 2023 08:56 AM (IST)

Indore Crime News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मनावर दुष्कर्म-हत्या मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। आरोपित को गिरफ्तार करने के दो सप्ताह बाद ही पुलिस को पता चल गया था कि वह नाबालिग है और उसके खिलाफ जिला न्यायालय में विचारण नहीं हो सकता। बावजूद इसके पुलिस ने आरोपित के नाबालिग होने की बात कोर्ट से छुपाई। आरोपित की आयु के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। यह रिपोर्ट अपर सत्र न्यायालय मनावर ने प्रस्तुत की थी। 271 पेज की इस रिपोर्ट के पृष्ठ क्रमांक 2, 3 और 6 पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आरोपित के नाबालिग होने के संबंध में जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने उसे 19 वर्षीय युवक बताते हुए गिरफ्तार किया। संभवत: ऐसा दबाव में आकर किया गया था।

15 दिसंबर 2017 को मनावर क्षेत्र में चार वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 15 वर्ष 5 माह आयु के एक किशोर को 19 वर्षीय युवक बताकर गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी 16 दिसंबर 2017 को हुई थी। 17 मई 2018 को सत्र न्यायालय ने आरोपित को फांसी की सजा सुना दी। बाद में हाई कोर्ट ने फैसले को यथावत रखा। जिला और हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आरोपित की ओर से एडवोकेट अमित दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मनावर अपर सत्र न्यायालय से आरोपित की आयु के संबंध में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

इस रिपोर्ट के पेज 2, 3 और 6 में कहा गया है कि 16 दिसंबर 2017 को आरोपित की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी ने पत्र लिखकर स्कूल प्राचार्य से आरोपित की आयु के संबंध में दस्तावेज मांगे थे। प्राचार्य ने इन दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति 27 दिसंबर 2017 को पुलिस को उपलब्ध करवा दिए थे। बावजूद इसके पुलिस ने दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किए। पुलिस ने ऐसा क्यों किया यह स्पष्ट नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह लापरवाही जानबूझकर की गई थी।

पुलिस की जांच पर ही खड़े हैं सवाल

एडवोकेट अमित दुबे ने कहा कि स्पष्ट हो गया है पुलिस कैसे जांच करती है। आरोपित नाबालिग है, यह पता होने के बावजूद पुलिस ने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए और आरोपित को 19 वर्षीय युवक साबित करने में जुटी रही। आरोपित के खिलाफ किशोर न्यायालय में प्रकरण चलना था। ऐसा होता तो वह दो वर्ष पहले ही रिहा हो जाता

इस पूरे मामले में एसपी धार से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

-राकेश गुप्ता, आइजी ग्रामीण

Posted By: Sameer Deshpande

Mp

 


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