Monday, March 27, 2023
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Kumar Vishwas Ram Katha: वक्तव्य से मचे बवाल के बाद कवि कुमार विश्वास ने रामकथा की शुरुआत क्षमा के साथ की, कही ये बात

Kumar Vishwas Ram Katha: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मंगलवार को कालिदास अकादमी में अपने-अपने राम विषय पर बोलते हुए आरएसएस को अनपढ़ बोलने से मचे बवाल पर बुधवार को कवि कुमार विश्वास ने रामकथा की शुरुआत क्षमा के साथ की। उन्होंने कहा कि हमें विषवमन नहीं करना चाहिए। मेरे माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा के लिए लड़ने वाले जो युवा तैयार हो रहे हैं, उनका मनोबल कमजोर न करें।

बुधवार को शंकर के राम विषय पर कवि कुमार विश्वास ने रामकथा के प्रसंग सुनाए। रामकथा शुरू करने के पहले कुमार विश्वास ने कहा कि कथा में मन का विकार दूर करके बैठे। अगर कोई आपके घर आता है तो आप घर को साफ सुथरा बनाते हैं, गंदगी को घर से दूर करते हैं, इसलिए रामकथा में मन के विकार को दूर करके आना चाहिए।

राम के विषय में उन्होंने कहा कि राम किसी एक धर्म के नहीं हैं, वे तो समूची मानव जाति के हैं, पूरे विश्व के हैं। मंथरा के कैकयी की मति मलिन की थी। अगर बाहर का कोई कहे कि आपके परिवार का कोई आपके खिलाफ है तो परिवार में कोई अपने खिलाफ नहीं है। बाहर वाला परिवार के खिलाफ है। उस बाहर वाले से दूर हो जाओ।

बीते एक हजार वर्ष में सनातन संस्कृति के नुकसान पर उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक हजार वर्ष में लोग आक्रमण करते रहे और हम परास्त होते रहे। इसका कारण यह है कि हमारे ही अपने लोग ऐसे थे, जो ऐसे लोगों के लिए दरवाजे खोल देते थे। राम तो श्राप को भी वरदान बना देते थे। कुछ संस्कृति ऐसी है कि वहां प्रश्न किया जाए तो गला काट देते हैं। हमारे सनातन संस्कृति में प्रश्न भी किए जाते हैं। विदेश की एक कथा है कि दो लोगों ने फल देखा और खा लिया, तो उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया गया और हमारे यहां एक बच्चा सूर्य को फल समझ कर खा लेते हैं तो किसी ने उन्हें कोई श्राप नहीं दिया। हमारे सनातन धर्म का अनर्गल प्रचार किया जा रहा है। हमारे यहां महर्षि अगस्त्य ने बिजली बनाई, ऋषि कणाद ने परमाणु के बारे में बताया। श्रीरामचरितमानस के विषय पर उपजे विवाद पर कुमार विश्वास ने कहा कि श्रीरामचरितमानस का नाम तो शिव ने दिया था।

अनजाने युवा को प्रोत्साहित किया

शंकर के राम के बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि आज एक युवा ने उनसे कहा कि कोरोना के कारण उसका सब कुछ बर्बाद हो गया। कामधंधा बंद हो गया, माता का निधन हो गया। पत्नी छोड़कर चली गई। एक बेटे को अकेला पाल रहा हूँ। टूट गया हूँ, क्या करूँ। इस पर सभास्थल से ही कुमार विश्वास ने उस अनजाने युवा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बिना टूटे विकास नहीं होता। गर्भ का शिशु जब तक गर्भ नाल से टूटता है तभी वह बड़ा होना शुरू होता है। बादल टूटते हैं तो खेत लहलहाते हैं। दुनिया की बिजली परमाणु के टूटने से बनती है। परमाणु टूटता है तो बिजली भी बनती है बंब भी बनता है। अगर वह टूटा है तो ईश्वर ने उसे कुछ नया करने के लिए चुन लिया है।

मंत्री, सांसद के फोन घनघनाए, माफी के बाद निकला रास्ता

विक्रमोत्सव के तहत रामकथा का कार्यक्रम सियासत के बड़े मोहरों के लिए महाभारत की तरह हो गया। मंगलवार रात को कथा के बाद तक भाजपा के बड़े नेताओं ने यह नहीं सोचा था कि बुधवार सुबह से लेकर शाम तक का समय उनके लिए तनाव भरा होने वाला है। मंगलवार रात को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल आदि ने कुमार विश्वास का स्वागत किया और उनके साथ खूब फोटो भी खिंचवाए। सुबह आरएसएस अनपढ़ वाला वीडियो प्रसारित होने के बाद नेताओं के फोन घनघनाने लगे। दिल्ली तक बात गई और मैसेज आया कि समन्‍वय कर निर्णय ले लें, फिर कुमार विश्वास की माफी के बाद कुछ राहत मिली।

सुरक्षा व्यवस्था में थी सख्ती

कुमार विश्वास के विवादास्पद बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मचे बवाल को लेकर कालिदास अकादमी के बाहर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही। बिना पास के किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। अनावश्यक लोगों को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया।

Posted By: Nai Dunia News Network

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