Publish Date: | Sun, 26 Mar 2023 12:17 PM (IST)
Macau parrot News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। सुबह उठते ही बोलता है पापा-पापा मैं कृष्णा। पापा-पापा मैं कृष्णा। सुबह के समय इन शब्दों से मकाऊ पक्षी नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त व योगाचार्य डा़ एमएल दौलतानी को बुलाता है। उसे जब घर में घूमना होता है और डा़ दौलतानी के पास आना होता है तो इस तरह की आवाज लगाता है। बोलने की आवाज भी उसकी स्पष्ट है। डा़ दौलतानी और मकाऊ के बीच एक भावनात्मक रिश्ता बन गया है। एक बार मकाऊ घर से उड़कर चला गया था तो जब तक वह वापस नहीं आया तब तक डा़ दौलतानी ने खाना नहीं खाया था। वह घर में डा़ दौलतानी से दूर नहीं रह सकता है।
डा़ दौलतानी मकाऊ को कृष्णा के नाम से बुलाते हैं। वह तीन बार घर से उड़ भी गया है, लेकिन हर बार मिल गया। डा़ एमएल दौलतानी का कहना है कि इसे पांच साल पहले लेकर आए थे। पांच साल से वह मेरे साथ है। कृष्णा को पिंजरे में नहीं रखा है। उसे घर में खुले में रखा गया है। घर में उसे उड़ना होता है तो उड़ान भर लेता है। राजा (पामेलियन डाग) व कृष्णा एक साथ खेलते हैं। उनका कहना है कि हमारी बातें सुनकर उसने बोलना सीख लिया है। पापा-पापा मैं कृष्णा” शब्दों को खुद से बोलना सीखा है। मेरा बेटा पापा बोलता था, तो मकाऊ भी यह शब्द सीख गया। हम कृष्णा को घर का सदस्य मानते हैं। साथ में ही खाना खाते हैं।
60 साल जीता है मकाऊ
मकाऊ पक्षी एक प्रकार का तोता है। यह अपने रंगबिरंगे पंखों के लिए जाना जाता है। यह पक्षी दीर्घावधी तक जीवित रहते हैं और इनकी उम्र 60 वर्ष तक हो सकती है। ये पक्षी मनुष्य की आवाज भी निकाल सकते हैं।
खाने में सूरजमुखी के बीज हैं पसंद
कृष्णा को खाने में सूरजमुखी के बीज पसंद हैं। हर दिन एक मुठ्ठी सूरजमुखी व आधा केला खाता है। अन्य पक्षिओं के बराबर ही उसकी डाइट है। द्यदस बाय दस का कमरा कृष्णा के लिए अलग कर दिया है। द्य इनके नाखून काफी नुकीले होते हैं, लोग उसके नाखून को काट देते हैं, लेकिन हमने नहीं काटे हैं। कभी-कभी चुभा भी देता है।
तीन बार घर से उड़ चुका, हर बार लौट आया
डा़ दौलतानी ने बताया कि वह तीन बार उड़ चुका है। जब पहली बार उड़ा था तो वह केआरजी कालेज पहुंच गया था। दो दिन बाद वहां की प्राचार्य का फोन आया। जब मैं लेने पहुंचा तो वह खुद से आ गया। द्यदूसरी बार उड़ा तो ललितपुर कालोनी स्थित शंकर चौक पहुंच गया। कृष्णा के उड़ने की सूचना इंटरनेट मीडिया पर डाली तो महापौर शोभा सिकरवार ने इसकी सूचना दी और कृष्णा मिल गया। द्यतीसरी बार वह उड़ने के बाद पास के मकान पर ही पहुंच गया था। छत पर बैठा दिखा तो उसे लेकर आया।
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