Publish Date: | Sun, 26 Mar 2023 12:49 PM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर राजधानी के परीक्षा केंद्रों पर सुबह से ही अभिभावकों और बच्चों की भीड़ नजर आई। राजधानी के 201 केंद्रों पर 78 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। जिन बच्चों का परीक्षा केंद्र पांच से 10 किमी की दूरी पर था। वे सुबह सात बजे से ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचने लगे थे। मुख्य गेट पर परीक्षा कक्ष का पता लगाने के लिए बच्चे अपना-अपना रोल नंबर तलाशते नजर आए। अभिभावक भी परीक्षा के समय केंद्र पर ही बैठे रहें।
कुछ परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था नजर आई। बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर नहीं होने के कारण उन्हें टाटपट्टी पर बैठकर परीक्षा देनी पड़ी। वहीं कुछ परीक्षा केंद्र पर बिजली भी गुल रही। सबसे बड़ी गड़बड़ी तो टीलाखेड़ी परीक्षा केंद्र पर हुई। जहां पांचवीं के बच्चों को हिंदी विशिष्ट के बदले समान्य हिंदी का प्रश्नपत्र दे दिया गया। यानी विद्यार्थियों ने 29 मार्च को होने वाला पेपर शनिवार को ही दे दिया।
बता दें कि पांचवीं का पहला पेपर प्रथम भाषा-विशिष्ट हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मराठी का था। वहीं आठवीं का पहला पेपर विज्ञान का था। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं तीन अप्रैल तक आयोजित होंगी। बोर्ड परीक्षा में सरकारी स्कूलों के साथ निजी और मदरसों के विद्यार्थी भी शामिल हुए।
टाट-पट्टी पर बैठकर बच्चों ने दी परीक्षा
पंचशील नगर स्थित शासकीय सरदार पटेल स्कूल सहित फंदा ग्रामीण के केंद्रों पर अधिक संख्या में परीक्षार्थी होने के कारण बच्चों को टाट- पट्टी पर बैठकर परीक्षा देना पड़ा।
आठवीं की परीक्षा में सातवीं के बच्चे बैठे पकड़ाए
तारा सेवनिया स्थित शासकीय हाईस्कूल में आठवीं कक्षा की परीक्षा में सातवीं कक्षा के सात बच्चे बैठकर परीक्षा दे रहे थे। जब प्रवेश पत्र के साथ मिलान किया गया तो इन परीक्षार्थियों को पकड़ा गया। इसके लिए माध्यमिक शिक्षक खुशीलाल नागवंशी के खिलाफ कार्रवाई की गई। शिक्षक ने आठवीं के सात विद्यार्थी अनुपस्थित होने के बीच उपस्थिति पूरी दिखाने के लिए उनकी जगह सातवीं के विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठा लिया था।
दो केंद्रों से शिकायत मिली है। तारासेवनिया स्थित शासकीय हाईस्कूल में आठवीं के बदले सातवीं के बच्चों को बैठाया गया था। इसके लिए दोषी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं टीलाखेड़ी परीक्षा केंद्र पर पांचवीं के बच्चों को हिंदी विशिष्ट के बदले हिंदी समान्य का प्रश्नपत्र दे दिया गया।
– सीमा गुप्ता, जिला परियोजना समन्वयक, भोपाल
Posted By: Ravindra Soni
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