नरसिंहपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल से करीब 1192 आंगनबाड़ी केंद्रों में 12 दिन से ताला लटका है। पर्यवेक्षक परियोजना अधिकारी भी लंबित मांगे पूरी कराने धरना प्रदर्शन कर रही हैं।जिससे महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन मैदानी स्तर पर बिगड़ गया है। सोमवार को कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारियों ने सुभाष पार्क से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और अपनी मांगों को पूरा कराने फिर ज्ञापन दिया। जिले भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं और परियोजना अधिकारी पर्यवेक्षक पिछले 12 दिन से हड़ताल कर रही हैं। तीखी धूप के बाद भी कार्यकर्ताओं का हौसला कम नहीं हो रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि लगातार 12 दिन से प्रदर्शन करने के बाद भी अब तक शासन-प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। धरना स्थल पर सोमवार को बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही। धरना सभा में संगठन की कई महिला पदाधिकारियों ने लंबित मांगों के संदर्भ में अपनी बात रखी। शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता पर आक्रोश जताया।
बंद केंद्रों को खुलवाने प्रशासन का ध्यान नहींः
जिले भर में बंद पड़े आंगनबाड़ी केंद्रों को खुलवाने और बच्चों को पोषण आहार का वितरण कराने जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। गर्मी के इस मौसम में जब बच्चों को सर्वाधिक पोषण आहार की जरूरत है ऐसे समय में केंद्रों का बंद रहना जरूरतमंदों के लिए कई परेशानियां बढ़ा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए अन्य योजनाओं का जो कार्य कराया जा रहा था वह भी ठप है। टीकाकरण का कार्य भी समय पर नहीं हो पा रहा है। दरअसल परियोजना अधिकारियों को 4800, पर्यवेक्षकों को 2600 ग्रेड पे, संविदा पर्यवेक्षक को नियमित करने, पर्यवेक्षक परियोजना अधिकारियों की पदोन्नति शुरू करने, परियोजना अधिकारी को आहरण संवितरण के अधिकार देने सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी नाराज हैं।
Posted By: Jitendra Richhariya
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