Publish Date: | Mon, 27 Mar 2023 10:47 AM (IST)
News Hospital in Gwalior: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। 397 करोड़ की लागत से तैयार हजार बिस्तार अस्पताल। अस्पताल में करोड़ों रुपये की अत्याधुनिक मशीनें हैं, पर इलाज लेने के लिए मरीजों को सीवर के पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है, क्याेंकि हजार बिस्तर अस्पताल में सीवेज की समस्या का समाधान रविवार को भी अस्पताल प्रबंधन नहीं कर सका। हालात यह है कि हजार बिस्तर के सी-ब्लाक में दूसरी, तीसरी व छठी मंजिल पर यह समस्या बनी हुई है। इधर जयारोग्य अस्पताल में स्थित सीटी स्कैन मशीन पिछले 15 दिन से खराब पड़ी है। इसलिए मरीजों को बाहर जांच कराने के लिए जाना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
बिना जांच के सुपुर्दगी ली अब मरीज हो रहे परेशान : हजार बिस्तर अस्पताल में हजार दुस्वारियां है। इस बात को नईदुनिया ने अस्पताल की सुपुर्दगी लेने से पहले ही उजागर किया था, लेकिन गजराराजा मेडिकल कालेज व जेएएच प्रबंधन ने आंख बंद कर अस्पताल की सुपुर्दगी ले ली और उसमें मरीजों को भी शिफ्ट कर दिया। मरीजों के शिफ्ट होते ही अस्पताल की खामियां बाहर आने लगी। अस्पताल के सीवेज सिस्टम खराब हैं। यह बात खुद नगर निगम के इंजीनियर बता चुके हैं और पीआइयू व भवन निर्माण करने वाली कंपनी के अफसर सुनने को तैयार नहीं है। असल में सीवर की जो लाइन सातवीं मंजिल से नीचे तक आई है वह बीच की मंजिलों पर शौचालय से दूर हो गई। इस कारण से शौचालय की गंदगी सीधे सीवर की लाइन में नहीं पहुंचती। जिस कारण से सीवेज का पानी बाहर आ रहा है जो पूरे फर्स पर फैला हुआ है। इस पानी से होकर ही मरीजों को गुजरना पड़ पड़ता है, जबकि यह मामला जेएएच अधीक्षक से लेकर डीन व संभागायुक्त तक पहुंच चुका है पर वह भी इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं।
15 दिन पहले सीटी स्कैन मशीन बंद हो गई थी। मशीन के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी हाइट कंपनी को अस्पताल प्रबंधन ने दे रखी है। इसके अलावा बायामेडिकल इंजीनियर भी अस्पताल प्रबंधन के पास उपलब्ध है। इसके बाद भी 15 दिन पहले खराब हुई मशीन आज भी बंद पड़ी है। मरीजों को मजबूरी में अस्पताल से बाहर जांच कराने के लिए जाना पड़ रहा है।
डस्टबिन तक नहीं अस्पताल में
अस्पताल में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है। हजार बिस्तर में हर दिन तीन हजार मरीज पहुंचते हैं। इन मरीज के साथ अटेंडेंट भी होते हैं। जो भी कचरा निकलता है उसे डस्टबिन में डालना होता है, लेकिन जयारोग्य प्रबंधन अब तक पूरे अस्पताल में डस्टबिन नहीं रखवा सका, जबकि डस्टबिन रखने से कचरा लोग उसी में डालते, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है इसलिए अस्पताल में जगह जगह कचरा फैला हुआ दिखाई देता है। जो वार्ड के अंदर डस्टबिन है वह ना काफी होने से कचरा जमीन पर फैलता है।
गुटखा व पान से हो रहा लाल
द्यहजार बिस्तर अस्पताल में जगह जगह गुटखा व पान के दाग लगे हुए हैं। खिड़कियों से लेकर सीढ़ियों व लिफ्ट में तक गुटखा की पीक से लाल हो रहा है। जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है। यही हालात अस्पताल परिसर का हो रहा है। परिसर में जहां घास लगी हुई है उन मैदान में पालीथिन व कचरा पड़ा हुआ है।
मैं इन सभी समस्याओं को दिखवाता हूं और जल्द से जल्द इन समस्याओं का निराकरण भी कराता हूं। इस विषय में अभी जेएएच प्रबंधक को निर्देश देता हूं जिससे समस्याओं का समाधान हो । मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
डा वीरेन्द्र वर्मा, सहायक अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल
Posted By: anil tomar
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