Publish Date: | Thu, 23 Feb 2023 01:43 AM (IST)
आदर्श सिंह, इंदौर। शाम के 4.10 मिनट पर कैंपस में आग, आग, आग की आवाज सुनाई पड़ी। हमें लगा कि किसी ने कूड़े में आग लगा दी है जो शायद बढ़ गई है। हम लोग कालेज बिल्डिंग से बाहर निकलकर आए तो देखा एक महिला भागते हुए फार्मेसी डिपार्टमेंट की तरफ आ रही थी, उसके बदन को आग की लपटों ने घेर रखा था। वह चिल्ला रही थी, बचाओ-बचाओ-आग-आग। हमें लगा कि किसी पागल ने खुद को आग लगा ली है।
पूरी घटना के बारे में इलेक्ट्रीशियन सुनील खेर और माली राजेश ठाकुर ने यह बताया। उल्लेखनीय है कि अपने खिलाफ दर्ज एक केस से आक्रोशित बीएम कालेज के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने सोमवार को प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इसके बाद उसने तिंछा फाल जाकर आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन वनकर्मी ने उसे पकड़कर पुलिस को हवाले कर दिया। हादसे में प्राचार्य 90 प्रतिशत झुलस गई हैं। चोइथराम अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। डाक्टरों के मुताबिक प्राचार्य की स्थिति अत्यंत गंभीर है।
इलेक्ट्रिशियन सुनील खेर, माली राजेश ठाकुर के अनुसार जब हमने नजदीक जाकर उसकी मदद करना चाहा तो देखा प्राचार्य विमुक्ता शर्मा आग में जल रही हैं। उनके बदन के सारे कपड़े जल चुके थे। तभी कालेज के स्पोर्ट्स आफिसर अलंकार रैकवार ने अपनी टीशर्ट उतार कर आग बुझाने की कोशिश की। उनके साथ आग बुझाने के प्रयास करते हुए सुनील खेर का हाथ भी आग की चपेट में आ गया था।
उसी समय कैंपस में काम कर रही आदिवासी महिलाएं भागकर आईं और प्राचार्य के बदन को अपनी चुनरी से ढंक दिया। शरीर बुरी तरह जल चुका था, दर्द के मारे वह कराह रही थीं, लेकिन फिर भी वह हिम्मत करके अपने पति को बुलाने के लिए लोगों से गुहार लगा रही थी। वो कह रही थी मेरे पति को बुलाओ, मेरे बच्चों को बुलाओ, मुझे अस्पताल ले चलो।
प्राचार्य ने कराहते हुए कहा मेरी गाड़ी सड़क पर खड़ी है, उसकी चाबी वहीं कहीं गिर गई थी। मुझे जल्दी अस्पताल लेकर चलो। जब गाड़ी के पास पहुंचे तो देखा गाड़ी के अंदर भी पेट्रोल पड़ा हुआ था। इसलिए गाड़ी के पायदान निकाल कर बाहर फेंक दिए। वहां मौजूद लोगों में किसी को गाड़ी चलाना नहीं आता था तो इलेक्ट्रींशियन ने गाड़ी संभाली।
गाड़ी में स्पोर्ट्स आफिसर, सफाईकर्मी रजनी, और शिक्षक विकास पीड़िता के साथ मौजूद थे। प्राचार्य लगातार कह रही थी आशुतोष ने मुझे जलाया है, पुलिस को फोन करो, मेरे पति को बुलाओ। अलंकार ने गाड़ी से ही उनके परिवार वालों को हादसे की जानकारी दी। इसके बाद उन्हें 24 मिनिट के अंदर नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया। थोड़ी देर में ही उनके पति व अन्य लोग भी अस्पताल आ गए थे। कुछ घंटों बाद उन्हें चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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