Sunday, March 26, 2023
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Unique Vedic Holi in Gwalior: ग्वालियर में खेली जाती है अनूठी वैदिक होली, गोबर से कराया जाता है स्नान, प्राकृतिक रंगों का होता है उपयोग

Publish Date: | Mon, 06 Mar 2023 11:55 AM (IST)

Unique Vedic Holi in Gwalior: ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि) प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला लाल टिपारा मुरार में अनूठी वैदिक होली मनाई जाती है। इस वर्ष गोमय होली मंगलवार को मनाई जायेगी। होली पर गंदे कीचड़ का उपयोग करते हुये लोगों को नाले-नाली में गिराकर होली के स्वरूप बिगाड़ते हैं किंतु लाल टिपारा गौशाला में मिट्टी स्नान की तर्ज पर गोबर स्नान कराया जाता है। लोग एक दूसरे के गाय का गोबर मलते हैं। गाय के गोबर से कई प्रकार के चर्म रोग भी ठीक हो जाते हैं।

गौशाला में ऐसे तैयार किये जाता गुलाल व रंग

गौशाला के प्रमुख ऋषि महाराज ने बताया कि गोमय होली के लिये गौ के कंडों की भस्मी, अरारोट, गुलाब, पालक, चकुंदर का गुलाल तैयार किया गया है। इसके साथ ही टेसू के फूले व गेंदे के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार किया जाता है। महाराज ने बताया कि पूर्व मिट्टी के स्नान के भांति गौ के गोबर श्रद्धालु स्नान करते हैं। उसके बाद शुद्ध जल से स्नान कर एक दूसरे को प्राकृतिक गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। गोमय होली की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं।

अचलेश्वर मंदिर, सनातन धर्म मंदिर व गिर्राज जी आज जलेगी होली

नगर में सोमवार को होलिका दहन के साथ नगर में पांच दिवसीय रंगोत्सव शुरु हो जायेगा। इस बार रंगोत्सव पांच दिन का नहीं होकर छह दिन का रहेगा। सोमवार की फाल्गुन की पुर्णिमा की उदय तिथि पर 6 मार्च को सूर्यास्त के बाद सनातन धर्म मंदिर, अचलेश्वर गिर्राज मंदिर व लक्ष्मीनारायण मंदिर में होलिका दहन किया जायेगा। सनातन धर्म मंदिर व अचलेश्वर मंदिर कंडो की होली सजाने की तैयारी शुरु हो गई है। जबकि सराफा बाजार स्थित बड़ी होलिका दहन मंगलवार की रात को किया जायेगा।

Posted By: anil tomar

Mp

 


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