Vimukta Sharma Murder Case: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बीएम कालेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को जलाने वाला आरोपित आशुतोष श्रीवास्तव काफी शातिर दिमाग का है। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो काफी देर तक गुमराह करता रहा। एसपी भगवतसिंह बिरदे ने बताया कि पहले तो आरोपित ने कहा कि मैं खुद मरना चाहता था, लेकिन जब उससे पूछा गया कि मरने के लिए काफी वक्त मिला था। मैडम (डा. विमुक्ता) के आने पर ही पेट्रोल क्यों डाला। यह सवाल सुनकर आरोपित चुप्पी साध लेता है। एसपी ने कहा कि शरीर पर जख्म होने के कारण उस पर सख्ती नहीं कर सकते।
दिवंगत प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को एक निजी कालेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी और दोषी को कड़ी सजा देने की मांग की।
मनोवैज्ञानिक तरीके पूछताछ करने पर काफी देर बाद कहा कि मैं बड़ा कांड करना चाहता था ताकि मेरा नाम हो जाए। इसलिए मैडम का इंतजार करने लगा। जैसे ही सामने आईं, पेट्रोल डाल दिया। एसपी ने बताया आरोिपत का रिमांड लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। डाक्टर ने स्पष्ट लिखा कि पुलिस की जवाबदारी पर रिमांड पर सौंपा जाता है। शनिवार को उसे सेंट्रल जेल में दाखिल कर दिया। उसे अस्पताल में रखा गया है। यहां भी उसके लिए प्रहरी तैनात किए हैं।
सास बोलीं- अपनी कुर्सी बचाने के लिए कार्रवाई कर रहे अफसर
इधर, डा. विमुक्ता की मौत से शर्मा परिवार सदमे में है। सास प्रतिमा के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रविवार को भी वह बहू (डा. विमुक्ता) को याद कर रो रही थीं। प्रतिमा को विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी बहू के साथ ऐसी घटना हुई। वे बताती हैं कि हमारा पूरा परिवार पढ़ा-लिखा है। कभी किसी तो आहत नहीं किया। डा. विमुक्ता घर वालों के लिए तो प्रिय थीं ही, बाहर वालों को भी सहयोग करती थीं। फिर भी उन्हें जला दिया। प्रतिमा कहती हैं कि टीआइ को पहले हटाना था। अब अपनी कुर्सी बचाने के लिए अफसर कार्रवाई कर रहे हैं। देवांशी कहती हैं, मैं मां के हत्यारे को सजा दिलाना चाहती हूं।
Posted By: Hemraj Yadav
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