जयपुर17 मिनट पहले
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कोविड के बाद से लगातार कम हो रहे जनरल कोच।
होली के त्याेहार से एक दिन पहले ट्रेनों में यात्रियों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। लोगों के त्याेहार घर मानने के लिए वेटिंग टिकट ही नहीं हो सके। रेलवे ने भी यात्रियों के लिए कोच की अस्थाई बढ़ोतरी की, वो भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे यात्रियों को कोई खासी राहत नहीं मिली।
रविवार को सुबह से जयपुर और गांधीनगर स्टेशन पर ये नजारा देखने को मिला। एक तरफ जहां रिजर्वेशन टिकट वाले यात्रियों को कंफर्म सीट होने के बाद भी सीट के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं दूसरी तरफ टिकट चैकिंग स्टाफ को भी भीड़ नियंत्रित करने में जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल ही रेलवे ने 12 जोड़ी ट्रेनों में स्लीपर के 13 से कोच बढ़ाए। वहीं पिछले दिनों 31 ट्रेनों में भी 35 से अधिक एसी/नॉन एसी कोच बढ़ाए थे।
क्षमता से 3 गुना टिकट जारी, लेकिन कोच बढ़ोतरी नहीं
रेलवे ने ट्रेनों में परंपरागत आईसीएफ रैक बदलकर एलएचबी रैक में बदल दिया है, क्योंकि इस रैक के कोच अधिक बड़े होते हैं, इसलिए रेलवे ने सामान्य यात्री के जनरल/साधारण कोच की संख्या कम कर उनकी जगह एसी/नॉन एसी कोच को दे दी। इससे पूजा सुपरफास्ट, उदयपुर खजुराहो, आश्रम सुपरफास्ट, बॉम्बे सुपरफास्ट सहित 15 से भी अधिक ट्रेनों में 4 सामान्य की जगह 2 ही कोच रह गए हैं। कई ट्रेनों में तो इनकी संख्या 1-1 ही है।
रविवार को अकेले जयपुर जंक्शन से 15 हजार जनरल टिकट जारी किए गए। वहीं गांधीनगर स्टेशन पर भी काउंटर और एटीवीएम मशीन से करीब 10 हजार टिकट जारी किए गए।
द्वारा ट्रेनों वेटिंग लिस्ट को देखते हुए और यात्रियों की सहूलियत के लिए अस्थाई रूप से कोच की बढ़ोतरी की गई है। वहीं कई रूट पर फेस्टिव स्पेशल ट्रेनें भी संचालित की गई हैं।
-अनुज तायल, एक्टिंग सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे
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