चित्तौड़गढ़9 मिनट पहले
महिला वकील रूचिता जैन और आरोपी पड़ोसी दिव्य कोठरी।
उदयपुर में सात साल पहले हुई महिला वकील रुचिता हत्याकांड के मामले में आरोपी को सजा हुई है। यह फैसला जिला एवं सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ओमी पुरोहित ने सुनाई है। वकील के हत्या का आरोपी पड़ोसी को उम्र कैद की सुनाई गई और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जबकि दुष्कर्म केस मामले में उसे दोषमुक्त किया है। मामला उदयपुर जिले के सुखेर थाने का है लेकिन आरोपी की कोई पैरवी नहीं करने पर हाई कोर्ट के आदेश पर इसे चित्तौड़गढ़ कोर्ट में ट्रांसफर किया गया।
लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि बहुचर्चित महिला वकील रूचिता मर्डर केस का यह मामला चित्तौड़गढ़ कोर्ट में सुनवाई के लिए आया। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 35 गवाह और 149 डॉक्यूमेंट्स पेश किए गए। जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित ने गुरुवार को फैसला सुनाया। हत्या के मामले में दोषी दिव्य कोठारी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान दुष्कर्म साबित नहीं होने के कारण आरोपी को धारा 376 511 में दोषमुक्त किया।
पिता ने लगाया था दामाद पर आरोप
लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि अजमेर निवासी दुलीचंद पुत्र करणसिंह जैन ने उदयपुर के सुखेर थाने में 1 दिसंबर 2016 को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि उनकी बेटी रूचिता की लव मैरिज उदयपुर निवासी कृष्णवल्लभ गुप्ता से 13 साल पहले हुई थी। शादी के बाद दोनों ही उदयपुर में रह रहे थे और उनका एक बेटा-बेटी थी। पहले दी गई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसका दामाद रुचिता को परेशान कर मारपीट करता था। इसका तलाक का केस भी चला था। एक दिसंबर को उसके रिश्तेदार मुकेश जैन की पत्नी मोनिका से पता चला कि रुचिता की हत्या हो गई है। इस पर दुलीचंद उदयपुर अपनी बेटी रुचिता के ससुराल पहुंचा। यहां कांपलेक्स के फ्लेट में रूचिता का खून से सना हुआ शव पड़ा हुआ था। घर में जगह-जगह खून के धब्बे लगे हुए थे। रुचिता ने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था।
मौके पर जाने पर पता चला खूनी कोई और था
इसके बाद उसी दिन रूचिता के पिता ने एक दूसरी रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उनकी बेटी रुचिता की हत्या उसके दामाद ने नहीं की है। किसी अन्य ने हत्या की है। पिता ने रिपोर्ट में दिव्य कोठारी पर हत्या का आरोप लगाया था, जो कि पास में ही सामने स्थित कांपलेक्स के फ्लैट संख्या 802 में रहता था। घटना के बाद से दिव्य कोठारी फ्लैट पर नहीं था। इसी दौरान दिव्य कोठारी के पिता अरविंद ने एक सुसाइड नोट थाने पर पेश किया था।
सुखेर थाने में आरोपी ने किया था सरेंडर
आरोपी दिव्य कोठारी ने अंबामाता पुलिस थाने की फतेहपुरा पुलिस चौकी पर सरेंडर किया था। इस पर सुखेर थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करते हुए आगे जांच शुरू की। आरोपी की सूचना पर पुलिस ने घटना में यूज किया चाकू बरामद कर अन्य सबूत जुटाए। सुखेर थाना पुलिस ने मामले में जांच करने के बाद न्यायालय में चालान पेश किया।
छेड़खानी की शिकायत होने के डर से किया था खून
लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि आरोपी दिव्य कोठारी ने पुलिस के पूछताछ नोट में स्वीकार किया था कि उसका और मृतका का फ्लैट आसपास में ही था। पड़ोसी होने के कारण उसका घर आना-जाना था। वारदात के दौरान रुचिता फ्लेट पर अकेली थी। इस पर वह फ्लेट में जाकर छेड़खानी करने लगा। पीड़िता ने छेड़खानी की शिकायत परिजनों से करने की बात कही तो आरोपी दिव्य कोठारी ने रुचिता की हत्या कर दी और फरार हो गया।
हाई कोर्ट के आदेश पर चित्तौड़ कोर्ट में आया मामला
लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि यह मामला इसलिए इंपॉर्टेंट है कि मृतका रुचिता जैन एक वकील थी। वारदात के बाद उदयपुर में किसी भी वकील ने कोर्ट में इस मामले में आरोपी के पक्ष में न्यायालय में पैरवी नहीं की। इस पर उच्च न्यायालय ने इस मामले को जिला एवं सत्र न्यायालय चित्तौड़गढ़ को ट्रांसफर किया था।
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