उदयपुर29 मिनट पहले
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प्रतापनगर से बलीचा टू लेन सड़क को फोरलेन में तब्दील करने की राह 9 साल बाद अब साफ हुई है। डीपीआर को जयपुर मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही यूआईटी ने गत 16 फरवरी को निर्माण के लिए टेंडर निकाला था। निविदाएं 24 मार्च को खोली जाएंगी। सबसे कम दर पर काम लेने वाली फर्म को टेंडर सौंपने के लिए एक बार फिर इसे जयपुर भेजा जाएगा। प्रक्रिया पूरी होते ही सबसे पहले सड़क के दोनों तरफ दायरा बढ़ाने का काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद डिवाइडवर व अन्य काम होंगे। चूंकि यह सड़क अहमदाबाद से आने वाली व्यस्त सड़क है, इसलिए निर्माण के साथ जाम की स्थिति न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
बता दें, इस सड़क के लिए नौ साल पहले केंद्र सरकार से अनुमति मिली थी। फिर पिछले वर्ष राज्य सरकार ने इसके लिए बजट में घोषणा की थी। इधर, यूआईटी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता संजीव शर्मा ने बताया कि टेंडर की स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 9 साल पहले प्रतापनगर चौराहे बलीचा टू लेन को फोरलेन बनाने को भी हरी झंडी दी थी। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को लागू करने में इतने वर्ष लगा दिए। राज्य सरकार ने 2022-23 के बजट में फंड घोषित किया था।
रोड खस्ताहाल, तीन तरफा ट्रैफिक का दबाव
प्रतापनगर चौराहा से बलीचा तक इस रोड की हालत बेहद खराब है। रोड पर गड्ढों की भरमार है। चित्तौड़गढ़-राजसमंद और शहर के तीन तरफा ट्रैफिक के भारी दबाव के चलते यहां पूरे दिन जाम के हालात बने रहते हैं। इसी वजह से अन्य रोड के मुकाबले यहां हादसे भी ज्यादा होते हें। इस रोड पर ट्रैफिक के दबाव काे कम करने के लिए एनएचआई की तरफ से देबारी से काया तक सिक्सलेन रोड भी बनाया जा रहा है।
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