नागौर13 मिनट पहले
डांडिया समारोह के दौरान पुष्करणा समाज के लोग रास गायन करते हुए।
नागौर में ऐतिहासिक रूप से महाराजा अमरसिंह राठौड़ की आज्ञा से शुरू हुए पुष्करणा समाज़ के होली के आयोजन परम्परागत रूप से इस वर्ष भी आयोजित हुए। जिसमें ङाङिया रास गायन व रम्मत, धुड़ गैर, व झगड़ा गैर शहर के होली आयोजनों में आकर्षण का केंद्र रही।
पुष्करणा फागोत्सव में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन की जानकारी देते हुए समाज़ अध्यक्ष गोविन्द लाल मुथा ने बताया कि होली के दिन लोढ़ा का चौंक में डांडिया रास गायन व रम्मत का आयोजन हुआ।
जिसमें रास गायन के साथ शिव पार्वती, राजा रानी, शिवाजी, महाराणा प्रताप, बाजीराव पेशवा, सेठ सेठानी, मुनीश, दूल्हा, दुल्हन का स्वांग धारण किये नर्तकों ने लय ताल से धेर धुमाव के साथ सस्वर ख्याल गायन के साथ रम्मत की।
इसे देखने-सुनने के लिए दूर-दूर से शहरवासी उपस्थित रहे। मां शारदा व गणेश वदंना , के साथ परम्परा गत ख्याल नणदी,दरजिया, शूवर, आई आई उनाला री रेण, नाचण रे, जिन्दवा लाल, दानजी, जुलाबड़ा, कानिया भंवर के गायन के साथ, महाराजा थानै धणी खम्मा के साथ महाराजा को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डांडिया रास कार्यक्रम का समापन किया।
कार्यक्रम में उतम वेशभूषा व रम्मत के लिए इनाम दिए गए। इसके बाद मध्य रात्रि को गैर के रूप डांडिया नर्तक बंशीवाला मंदिर पहुंचे। जहां कृष्ण मय भक्ति सरिता के साथ बंशीवाला मंदिर प्रांगण में रम्मत हुई।
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