जयपुर42 मिनट पहले
जयपुर शहर में होली फेस्टिवल की रंग-बिरंगी तस्वीरे सामने आने लगी है। वैसे तो धुलण्डी का पर्व कल मनाया जाएगा, लेकिन ठाकुर जी के साथ भक्तों ने आज ही होली खेल ली। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में आज राजभोग झांकी में ठाकुर जी और राधारानी ने एक-दूसरे पर पिचकारी चलाकर रंगों से भिगोया, वहीं भक्तों ने भी ठाकुर जी और राधारानी संग होली खेली। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी ठाकुर के दरबार में होली खेलने पहुंची, जहां उन्होंने भक्तों पर गुलाल भी उड़ाया।
मंदिर छावण में राजभोग आरती के बाद ठाकुरजी, पुजारी और भक्त पहले फूलों की, फिर पिचकारी से केसर, इत्र, गुलाब जल और बाद में पचरंगी गुलाल से होली खेली। होली के शुभ अवसर पर पंचामृत अभिषेक किया गया और सफेद जामा पोशाक में ठाकुरजी और राधारानी को सोने की और सखियों को चांदी की पिचकारी हाथों में थमाई गई। ठाकुरजी और राधारानी को गुलाल अर्पित करने के बाद उनको पतासे का भोग लगाकर आरती की गई, जिसके बाद ठाकुरजी की होली शुरू हुई।

पहले ठाकुरजी के साथ तीन तरह के फूलों से होली खेली गई। फिर केसर, गुलाब और इत्र जल की पिचकारी से और अंत में पांच रंग (लाल, हरा, गुलाबी, पीला और सफेद) के गुलाल से ठाकुरजी को रंगा गया। पानी की बचत का संदेश देने के लिए ठाकुरजी की होली में पानी इस्तेमाल नहीं किया गया। इस होली में चंदन के गुलाल उड़ाया गया, जिससे पूरा दरबार महक उठा।

प्रदेश की खुशहाली की कामना की
होली के इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में हाजिरी दी। राजे राजभोग झांकी के समय मंदिर परिसर पहुंची, जहां उन्होंने भगवान के दर्शनों के बाद भक्तों पर गुलाल भी उड़ाया। राजे के साथ सांसद दुष्यंत सिंह, रामचरण बोहरा भी मौजूद रहे। प्रभु दर्शनों से पहले उन्होंने मंदिर के पास स्थित गुरुद्वारा में भी मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर राजे ने कहा कि होली जयपुर का अनूठा त्योहार है। जहां भगवान के साथ हम लोगों को होली खेलने का मौका मिलता है। होली के रंगों में भगवान का आशीर्वाद मिलता हैं और सभी तबके के लोग उसी रंग और प्यार में एक साथ भगवान के सामने नतमस्तक हैं।
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