Monday, March 27, 2023
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विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में दिखी खेमेबाजी:4 साल में 1 बार ही मंच पर साथ दिखे वसुंधरा, पूनियां, किरोड़ी और शेखावत

जयपुर36 मिनट पहले

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इनमें सिर्फ एक समान बात है कि चाराें कांग्रेस सरकार या सीएम अशाेक गहलाेत के खिलाफ खड़े हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में खेमेबाजी और खुद के नेताओं के प्रति समर्पण कार्यकर्ताओं और नेताओं ने दिखा दिया। राजस्थान बीजेपी की राजनीति अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, डाॅ. किराेड़ीलाल मीणा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सियासत पर आकर ठहरी हुई है। इनमें सिर्फ एक समान बात है कि चाराें कांग्रेस सरकार या सीएम अशाेक गहलाेत के खिलाफ खड़े हैं। बाकी चाराें की वर्किंग का मिजाज एक दूसरे से अलग है।

वर्ष 2019 के बाद सिर्फ एक बार ही ऐसा माैका आया जब ये चाराें नेता एकसाथ किसी मंच पर बैठे। हालांकि इनके एकसाथ बैठने की वजह पीएम नरेंद्र माेदी थे। वरना 12 फरवरी की सभा से पहले ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की वर्किंग पर किराेड़ी मीणा ने सार्वजनिक रूप से सवाल खड़े करके पूरे बीजेपी संगठन काे कठघरे में खड़ा कर दिया था। गाैरतलब है कि गजेंद्र सिंह शेखावत काे केंद्र ने हाल ही में जेड सिक्याेरिटी राजस्थान के लिए दी है।

इन मामलाें से खेमाें में सामने आए मनभेद

3 साल से राजे का जन्मदिन…उसी दिन संगठन का अलग से कार्यक्रम

2021 में वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम में संगठन ने मंडल प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा था। जो सभी जिलाें से जुड़े थे। 2022 में राजे के जन्मदिन पर संगठन ने कई जिलाें में जिला कार्यशाला रखी गईं। 2023 में जयपुर में प्रदर्शन रखा गया। इस कारण वसुंधरा समर्थक नेता और कार्यकर्ता प्रदेश संगठन से लगातार खफा हाे रहे थे।

पूनियां-शेखावत की यात्रा केंद्र ने राेकी

अमित शाह जब जाेधपुर सभा करने आए थे, उससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत काे रामदेवरा यात्रा निकालनी थी। ये यात्रा केंद्रीय संगठन के इशारे पर स्थगित हुई थी। इसके बाद पूनियां ने अकेले ही पैदल चलकर यात्रा निकाल पार्टी में एक अलग ही संदेश दिया। उन्हाेंने साेशल मीडिया पर लिखा-एकला चालाे।

किराेड़ी मीणा सबसे अलग

राज्यसभा सांसद किराेड़ीलाल मीणा इन सबसे अलग हैं। खासकर प्रदेश संगठन से। मीणा ने प्रदेश संगठन से अलग आंदाेलन किए हैं। साथ ही प्रदेश संगठन की कमियां गिनाने में कसर नहीं छाेड़ते हैं। उधर सतीश पूनियां और गजेंद्र शेखावत भी उनसे दूरी रखने में ही खुद की भलाई समझते हैं।

नड्डा की सभा में कुर्सियां रही थीं खाली : बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर से जन आक्राेश यात्रा के रथ रवाना किए थे। बीजेपी में फूट और नेताओं के बीच मनमुटाव का ही नतीजा था कि नड्डा के आने से कुछ मिनट पहले पांडाल की कुर्सियां खाली थी। आराेप लगा कि नेताओं ने भीड़ जुटाने के प्रयास ही नहीं किए।

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