Sunday, March 26, 2023
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वन विभाग ने की श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील:बुधवार को हम्मीर के पार्क में चलकदमी करती दिखी थी बाघिन ऐरोहेड


सवाई माधोपुर20 मिनट पहले

हम्मीर महल के पास चहलकदमी करती बाघिन ऐरोहेड।

रणथम्भौर दुर्ग के लिए बुधवार का दिन यादगार रहा। यहां हम्मीर महल के पास बुधवार सुबह बाघिन ऐरोहेड आ गई थी। जिसे देखकर यहां मौजूद पर्यटक और श्रद्धालु एक बारगी सकते में आ गए। यहां बाघिन का मूवमेंट शाम तक बना रहा। वन विभाग ने गुरुवार को चतुर्थी होने के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है।

बुधवार सुबह करीब दस बजे बाघिन ऐरोहेड हम्मीर महल के पास आ गई थी। इस दौरान यहां बाघिन हम्मीर महल के पास स्थित पार्क में घूमती हुई दिखाई दी। काफी देर पार्क में घूमने के बाद बाघिन ने त्रिनेत्र गणेश मन्दिर का रूख किया। यहां भी बाघिन ने काफी देर तक चहलकदमी की। जिसके बाद बाघिन झाड़ियों में घंटो तक बैठी रही।

बाघिन के आने की सूचना पर वन विभाग की ओर से मौके पर वन कर्मियों की टीम को तैनात कर दिया गया। यहां एहतियात के तौर पर हम्मीर महल की ओर वाले रास्तें पर पर्यटकों को नहीं जाने दिया गया। विभाग की ओर से कई पर्यटकों को दूसरे रास्तों से त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक पहुंचाया और वापस लाया गया। देर शाम को बाघ का मूवमेंट फिर से जंगल की ओर हो गया। जिसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली।

वन विभाग ने की श्रद्धालुओं से अपील

रणथम्भौर के DFO मोहित गुप्ता ने बताया कि 23 फरवरी को चतुर्थी है। चुतर्थी पर गणेश मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ की संख्या अधिक रहती है। वन विभाग की फील्ड टीम प्रशासन व पुलिस की सहायता से बाघिन के घूमने वाले इलाके और आने जाने वाले रास्तों पर सघन निगरानी कर रही है। उन्होंने सभी पर्यटकों, दर्शनार्थियों से प्रशासन, पुलिस एवं वन विभाग का पूर्ण सहयोग करने तथा मौके पर उपस्थित कर्मचारियों के दिशा निर्देशों व सुझावों का पालन करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों को आगामी दो दिनों तक त्रिनेत्र गणेश जी के मंदिर दर्शनार्थ कार्यक्रम को स्थगित करने की हिदायत दी है।

हम्मीर महल
रणथम्भौर दुर्ग के निर्माण का श्रेय 944 ईस्वी में चौहान शासक सपालदक्ष को दिया गया है। सन 1283 ईस्वी में राजा बनने वाले हम्मीरदेव को रणथम्भौर दुर्ग के महानतम शासक के रूप में जाना जाता है। रणथम्भौर दुर्ग ने 32 खम्भो की छतरी के पास राव हम्मीर देव चौहान का दो मंजिला महल स्थित है। रणथम्भौर दुर्ग को 21 जून 2013 को यूनेस्कों ने विश्व धरोहर घोषित किया था।

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