Friday, March 24, 2023
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सरकारी कार्यालयों में अब फाइलों का नहीं दिखेगा ढेर:कार्यालयों में चलेंगी सिर्फ ई फाइल, पत्रावलियों की हो सकेगी रियल टाइम ट्रेकिंग

झुंझुनूं14 मिनट पहले

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फाइल फोटो

सरकारी कार्यालयों में फाइलों का ढेर अब नजर नहीं आएगा। सभी सरकारी विभागों में ई-फाइलिंग व्यवस्था शुरू की जाएगी।

28 फरवरी से टेबलों पर फाइलों के ढेर गुजरे जमाने की बात हो जाएंगे। सभी जिला और उपखंड स्तरीय विभागों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शुक्रवार को आयोजित वीसी में सरकारी दफ्तरों में 27 फरवरी से ई-फाइल मॉडयूल को लागू करने के आदेश जारी किए हैं।

इसके तहत सभी विभाग, आयुक्तालय, निदेशालयों में मिशन मोड पर ई-फाइल प्रणाली लागू करनी है। इससे सरकारी कार्यालयों में कागजों की फाइलों को तैयार करने का झंझट कम होगा। मॉडयूल के लागू होने पर सबसे अहम तो यह है कि पत्रावलियों की रियल टाइम ट्रेकिंग हो सकेगी। साथ ही किसी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के राजकीय यात्रा पर होने पर भी यह कार्य समय पर संपादित हो सकेगा।

जिला कलक्टर ने जारी किए निर्देश

सीएस की वीसी के बाद जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने सभी जिला व उपखंड स्तरीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त कार्यालयों में ई-फाइलिंग प्रणाली के माध्यम से भौतिक फाइलों को ई-फाइल में कन्वर्ट करना है। 27 फरवरी से ऑनलाइन ई-फाइल संचालित व संधारित करनी है। इसके बाद कोई भी भौतिक फाइल या पत्र या पत्रावली स्वीकृत नहीं की जाएगी।

नहीं तो होगी कार्रवाई

जिला कलक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 27 फरवरी के बाद किसी कार्यालय में भौतिक फाइल, पत्र या पत्रावली को संचालित या संधारित करना पाया गया तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

पुराने कम्प्यूटर बन सकते हैं समस्या

ई-फाइलिंग की पूरी प्रक्रिया में दफ्तरों में लगे पुराने कम्प्यूटर समस्या बन सकते हैं। अधिकतर दफ्तरों में पर्याप्त कम्प्यूटर भी नहीं हैं। ऐसे में कर्मचारियों के सामने परेशानी आ सकती है।

गोपनीय पत्रावलियों के लिए अलग से होगा ई-फाइल सिस्टम

जांच संबंधी मामलों की पत्रावलियों, न्यायालय, वादकरण संबंधी पत्रावलियों, अति गोपनीय, गोपनीय पत्रावलियों व प्रकरणों का ई-फाइल सिस्टम अलग से होगा। जबकि, सभी नई पत्रावलियां इलेक्ट्रोनिक मोड पर ही खोली जाएंगी। यदि भौतिक पत्रावली खोली जानी जरूरी हो तो अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव की सहमति लेनी पड़ेगी। साथ ही पुरानी बन चुकी पत्रावलियों को भी ई-फाइल पर लाना होगा।

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