Sunday, March 26, 2023
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दूसरे दिन भी नेट बंद:एक्सपर्ट- सामाजिक विज्ञान के 120 व हिंदी के 125 प्रश्न सही, उनके शिक्षक बनने की उम्मीद

श्रीगंगानगरएक घंटा पहले

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रीट मेंस यानी शिक्षक भर्ती  परीक्षा-2022 लेवल-2 का  आयाेजन दूसरे दिन रविवार काे  इंटरनेट बंद के बीच किया गया।

रीट मेंस यानी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 लेवल-2 का आयाेजन दूसरे दिन रविवार काे इंटरनेट बंद के बीच किया गया। पहली पारी में सुबह 9:30 से दोपहर 12 बजे तक सामाजिक विज्ञान विषय और दूसरी पारी दाेपहर 3:00 से शाम 5:30 बजे तक हिंदी विषय की परीक्षा हुई। इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस जवान तैनात करने के साथ वीडियोग्राफी भी करवाई गई। सुबह की पारी के लिए 8:30 बजे से और दूसरी पारी के लिए दाेपहर 2 बजे से एंट्री बंद कर दी गई। देरी से भी पहुंचे अभ्यर्थियाें काे केंद्राें पर प्रवेश नहीं दिया गया। पहली पारी के लिए जिला मुख्यालय पर 37 और दूसरी पारी के लिए कुल 21 केंद्र बनाए गए।

इन दाेनाें पारियाें की परीक्षा के लिए कुल 24777 अभ्यर्थियाें ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें से कुल 22994 अभ्यर्थी ही परीक्षा देने के लिए आए जबकि 1783 अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। जानकारी के अनुसार पहली पारी के लिए 15020 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें से 13523 अभ्यर्थी उपस्थित रहे जबकि 1497 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इसी तरह दूसरी पारी के लिए 9757 ने अपना रजिस्ट्रेशन किया था। इसमें से भी 9471 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए जबकि 286 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं

नकल रोकने के लिए अभ्यर्थियों को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही केंद्र में प्रवेश दिया

परीक्षा को लेकर सभी सेंटर्स पर सख्ती देखी गई। इस दौरान परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मचारी भी मोबाइल फाेन का इस्तेमाल नहीं सके। हालांकि इस दौरान केवल केंद्र अधीक्षक को की-पेड युक्त मोबाइल फाेन परीक्षा केंद्र पर रखने की परमिशन थी। शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के लिए अभ्यर्थियों को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही केंद्र में प्रवेश दिया गया।

बता दें कि भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के लिए इस बार आयोग की ओर से जयपुर, जोधपुर, उदयपुर अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, बीकानेर, टोंक, भरतपुर, अलवर, और श्रीगंगानगर जिले में परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा खत्म होने के बाद अभ्यर्थी जैसे ही बाहर आए तो जगह-जगह पर जाम जैसे हालात बन गए।

सुखाड़िया मार्ग, रविंद्र पथ, काेडा चाैक, मुख्य बस स्टैंड, हिंदुमलकाेट राेड, सुखाड़िया मार्ग आदि जगहाें पर भयंकर जाम में फसे लाेगाें काे पुलिसकर्मियाें ने काफी मुश्किलाें से निकाला। हिंदी में डांखळा विधा पर प्रश्न पूछा गया था जिसका उत्तर मोहन आलोक है। दिवंगत प्रख्यात साहित्यकार मोहन आलोक श्रीगंगानगर के निवासी थे।

विशेष शिक्षा में आए 16,418 आवेदन, मोबाइल इंटरनेट बंद रहने से व्यवसायी और लोग हुए परेशान

विशेष शिक्षा में कुल 16,418 आवेदन जमा हुए हैं। अध्यापक भर्ती लेवल-1 में 12,129, लेवल 2 में अंग्रेजी में 288, हिंदी में 823, पंजाबी में 41, संस्कृत में 194, विज्ञान-गणित में 1,336, सामाजिक अध्ययन में 1,584 और उर्दू में 23 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सिंधी विषय के लिए एक भी अभ्यर्थी ने आवेदन नहीं किया। लेवल 1 में केटेगरी वाइज इस प्रकार है आवेदन इस भर्ती में लेवल-1 में कुल 2,12,259 आवेदन आए हैं।

इसमें सामान्य के 42,737, ईडब्ल्यूएस के 22,863, एमबीसी के 12,350, ओबीसी के 77,770, एससी के 27,544, एसटी के 28,896 और सहरिया के 99 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस भर्ती में लेवल-2 के सभी विषयों के लिए कुल मिलाकर 7,52,706 आवेदन जमा हुए हैं। इनमें सामान्य के 63,514, ईडब्ल्यूएस के 88,216, एमबीसी के 28,566, ओबीसी के 3,30,418, एससी के 1,12,331, एसटी के 1,29,423 और सहरिया के 238 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। हुए।

एक्सपर्ट गुरु कृपा काेचिंग सेंटर के संचालक मेघश्याम फाैजदार ने बताया कि दूसरी की पारी में लेवल-2 के तहत हिंदी विषय का पेपर हुअा। इसमें हिंदी विषय के प्रश्न आसान रहे। जबकि मनाेविज्ञान के प्रश्नाें ने अभ्यर्थियाें काे पसीने छुड़ाए। उन्हाेंने बताया कि 150 प्रश्नाें में से करीब 125 प्रश्न सही करने वाले अभ्यर्थियाें का शिक्षक बनने का सपना साकार हाेगा। इससे पहले की पारी में सामाजिक विषय का पेपर सरल था। जीके के प्रश्न भी आसान रहे। इसके चलते जिन अभ्यर्थियाें के 150 में से 120 प्रश्न सही हाेंगे उनके शिक्षक बनने की उम्मीद ज्यादा हाेगी। उन्हाेंने बताया कि 27 फरवरी काे सुबह 9:30 से दाेपहर 12 बजे तक संस्कृत और दाेपहर 3 से 5:30 बजे तक अंग्रेजी विषय का पेपर जयपुर में हाेगा।

इंटरनेट सेवाएं बंद होने से लोगों की जीवन शैली प्रभावित हुई। जिनकी सुबह की शुरुआत इंटरनेट चलाकर होती थी उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर जिनका काम इंटरनेट के बिना नहीं चलता था वह भी दिनभर इंटरनेट चलाने का जुगाड़ देखते रहे। इंटरनेट से जुड़े व्यवसायियों को नुकसान होने के साथ ही बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित हुई।

साथ ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, ई-मित्र सेवा सहित इंटरनेट से जुड़े व्यवसायियों को नुकसान हुआ। इस दाैरान डाॅक्टर काफी परेशान दिखे। वहीं, डिजिटल लेन-देन के बढ़ते प्रभाव के कारण लोगों ने जेब में पैसे रखने काफी कम कर दिए हैं। चूंकि अब चाय-पान की दुकानों में भी डिजिटल पेमेंट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं। ऐसे में रविवार को लोग हमेशा की तरह घर से निकले मगर जेब में पैसे नहीं होने के कारण वापस लौट गए।

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