कोटा43 मिनट पहले
अब किसान कर भी सकेगा मिट्टी की सेहत की जांच।
अब किसान भी अपने खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य की जानकारी कर सकेंगे। 100 रूपए के खर्च पर किसान अपने खेत की मिट्टी की कंडीशन के बारे में जान सकेंगे।आईआईटी कानपुर ने साढ़े 6 साल की रिचर्स में एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है। जो 2 मिनट के भीतर खेत की मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, ऑर्गेनिक कार्बन, क्ले व कैटायन एक्सचेंज कैपेसिटी का पता लगाता है। साथ ही यह भी बता देगा किसान जो फसल खेत में लगाना चाहते हैं। उस फसल के लिए आपको कितना फ़र्टिलाइज़र,कितनी मात्रा में डालना है। इस डिवाइस की मदद से किसान, मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ-साथ फसल के उत्पादन में भी इजाफा कर सकते हैं।
100 रूपए के खर्च पर किसान अपने खेत की मिट्टी की कंडीशन के बारे में जान सकेंगे।
भू परीक्षक किट
इस डिवाइस को भू परीक्षक किट नाम दिया गया है। एग्रोनेक्स्ट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी इस किट को किसानों तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। यह डिवाइस ऐप से कनेक्ट रहेगी। जिसे किसान प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। एप पर एक ही किसानों को मिट्टी के स्वास्थ परीक्षण की रिपोर्ट मिलेगी।

2 मिनट के भीतर डिवाइस में लगे अलग-अलग सेंसर मिट्टी के स्वास्थ्य की बारे में बता देंगे।
कैसे करेगा काम
ब्लूटूथ के जरिए यह डिवाइस, एप से कनेक्ट होगा एप के द्वारा ही डिवाइस को ऑपरेट किया जा सकेगा जैसे ही डिवाइस में खेत की छनी हुई मिट्टी डालेंगे। मिट्टी डालने के बाद कैलिब्रेट व स्कैन किया जाएगा। 2 मिनट के भीतर डिवाइस में लगे अलग-अलग सेंसर मिट्टी के स्वास्थ्य की बारे में बता देंगे। मसलन मिट्टी में कितनी मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम कार्बन मौजूद है।
किसानों को ये होगा फायदा
मिट्टी के स्वास्थ्य परीक्षण से किसान को पता लग जाएगा कि उसके खेत की मिट्टी की क्या कंडीशन है। कितनी कितनी मात्रा में नाइट्रोजन,फास्फोरस, पोटेशियम, कार्बन मौजूद है। यदि खेत में पोटाश की मात्रा ज्यादा निकली तो किसान को खेत में ज्यादा पोटाश नहीं डालना। उसको वही फर्टिलाइजर डालना होगा, जिसकी खेत में कमी है।
किसान कैसे कर सकेंगे यूज
एग्रोनेक्स्ट कम्पनी के प्रतिनिधि अक्षय ने बताया कि किसानों तक इस डिवाइस को पहुंचाने की योजना तैयार कर रही है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर सॉयल हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे। गांव के किसान सॉयल हेल्थ सेंटर में जाकर अपनी मिट्टी की सेहत की जांच आसानी से करा लेंगे। मिट्टी की जांच करवाने के एवज में उन्हें 100 देने पड़ेंगे। किसान को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कौन खोल सकता है सॉयल हेल्थ सेंटर
एग्रोनेक्सट कम्पनी आईआईटी कानपुर का आउटरीच सेंटर है। जो युवा सॉयल हेल्थ सेंटर खोलने के इच्छुक होंगे।वो कम्पनी के नोयडा ऑफिस में कॉन्टेक्ट कर सकते है। उन्हें बाकायदा एग्रोनेक्सट कम्पनी द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी।
युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर
कम्पनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रजत ने बताया गांव के पढ़े लिखे युवा कम्पनी से जुड़कर रोजगार पा सकते है। उन्हें 50 हजार के डिपॉजिट पर ये डिवाइस उपलब्ध कराया जाएगा। इस डिवाइस के जरिए वो सॉयल हेल्थ सेंटर चालू कर सकेंगे। इस डिवाइस को आसानी से बाइक पर भी ले जाया जा सकता है। मिट्टी के स्वास्थ परीक्षण पर कम्पनी 50 रूपए लेगी। बाकी रकम सॉयल हेल्थ सेंटर संचालक के पास रहेगी। एक दिन में 100 से 250 जांच आसानी से की जा सकेगी।
जल्द ही राजस्थान के कुछ जिलों में होगी शुरुआत
रजत ने बताया कि देशभर में 140 मिलियन हेक्टयर जमीन पर खेती होती है। मिट्टी परीक्षण के लिए देशभर में केवल 4 हजार लैब है। ऐसे में मिट्टी परीक्षण की जांच आने में 7 से 60 दिन का वक्त लग जाता है। जांच रिपोर्ट में लंबा वक्त लगने के कारण खेत में सही मात्रा में खाद नहीं डल पाती। भू परीक्षण डिवाइस से मात्र 2 मिनट में मिट्टी की सेहत के बारें में जानकारी मिल जाएगी। जिससे किसान अपने खेत मे पर्याप्त मात्रा में फर्टिलाइजर डाल सकेगा। इससे उत्पादन भी अच्छा होगा। गांव के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। जल्द ही राजस्थान के कुछ जिलों में सॉयल हेल्थ सेंटर शुरू किए जाएंगे।
किट की खासियत
यह पोर्टेबल किट ढाई सौ ग्राम से कम वजन का है। इसकी 1 साल की वारंटी है।4 साल एक्सटेंडेंट वारंटी है। यह आसान ईएमआई पर भी उपलब्ध है। चुनिंदा जिलों में सालाना किराए पर भी उपलब्ध है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित मृदा स्वास्थ्य कार्ड है।
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