जोधपुर9 मिनट पहले
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आज होलिका दहन पर कंडों व लकड़ियों से होलिका बना कर अग्नि लगाने की परंपरा हर कहीं है। लेकिन जोधपुर के सरदारपुरा क्षेत्र में 10 वीं सी रोड पर लाल चुनरी में होलिका की मूर्ति को सजाया जाता है। पिछले कई वर्षों से वहां के क्षेत्रवासी सुंदर मूर्ति जिसमें होलिका प्रह्लाद काे गाेद में लिए बैठी मूर्ति का श्रृंगार कर उस पर लाल चुनर ओढ़ाई जाती है।
स्थानीय निवासी नारायण किशन पुरोहित व कमलेश हर्ष ने बताया कि पिछले 50 वर्ष से यहां होलिका दहन हो रहा है। लेकिन 5 वर्षों से इस तरह श्रृंगार कर होलिका दहन किया जाता है। लाल चुनर मूर्ति पर ओढ़ा कर श्रृंगार कर पूरी होलिका को चुंदड़ी की साड़ी में लपेटा जाता है।
वैसे तो अधिकांश हिस्सा गोबर के कंडे व लकड़ियों से बनाया जाता है। उपर के हिस्से पर मूर्ति रखते हैं। पहली बार जब बनाई तो सभी को पसंद आई। उसके बाद से होलिका इसी स्वरूप में जलाई जाती है। क्षेत्रवासी चंदा कर इस होलिका को बनवाते हैं।
उन्होंने बताया कि इस हाेलिका के श्रृंगार में 5 से 6 हजार रुपए की लागत आती है। दहन वाले दिन सुबह से बनाने में लगते हैं। दहन के मुहूर्त तक तैयार हो जाती है। उन्होंने बताया कि आज दहन रात 8:30 बजे किया जाएगा।
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