टोंक31 मिनट पहले
अनशनकारी शिवराज मीणा को चैकअप के बाद टोंक रेफर करने के बाद अनशन स्थल से टेंट, बिस्तर हटा दिए गए।
टोंक जिले में विभिन्न समस्याओं को लेकर अनशन पर बैठे लोगों की आवाज दबाने के आरोप पुलिस पर लग रहे है। सोमवार रात को उनियारा थाने के बाहर सपरिवार भूख हड़ताल पर बैठी दुष्कर्म पीड़िता ने पुलिस पर जबरन आंदोलन खत्म कराने का आरोप लगाया है। अब मंगलवार को पीएम आवास, भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर 19 फरवरी से धरने पर और 23 फरवरी से आमरण अनशन पर बैठे शिवराज मीणा ने भी पुलिस और उनियारा नगर पालिका पर उसके आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
शिवराज मीणा ने बताया कि वह 19 फरवरी से बिलोता पंचायत प्रशासन और तहसील प्रशासन के खिलाफ SDM ऑफिस के बाहर धरने पर बैठा था। समस्या का समाधान नहीं होने पर उसने 23 फरवरी से भूख हड़ताल शुरू कर दी। मंगलवार को दोपहर में डॉक्टर ने मेडिकल जांच के बाद स्वास्थ्य में गिरावट बताते हुए विभिन्न जांचें करवाने के लिए टोंक भेज दिया, जहां उसे भर्ती कर लिया गया है। शिवराज मीणा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने टेंट वाले और नगर पालिका प्रशासन पर दबाव बनाकर आमरण अनशन स्थल पर लगा टेंट, बिस्तर, तख्ता आदि सामान हटवा दिया। ये सामान कौन ले गया है, इसकी भी सही जानकारी नहीं मिल रही है।
शिवराज मीणा ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में पीड़ितों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मीणा ने बताया कि वह हिम्मत नहीं हारेगा। अस्पताल में भी आमरण अनशन जारी है। न्याय मिलने तक आंदोलन चलेगा। मीणा ने प्रशासन और सरकार से उसके अनशन स्थल पर सामान वापस रखवाने और उसे न्याय दिलवाने की मांग की है।
Source link
Recent Comments