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- The Scrap Sent To Punjab Was Grabbed, The Driver Also Switched Off The Phone, Being Upset, The Owner Of The Transport Company Lodged An FIR
अजमेरएक घंटा पहले
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अलवर गेट थाना पुलिस जंच में जुटी
अजमेर से पंजाब भेजा गया स्क्रेप हड़प करने का मामला सामने आया है। अब ड्राइवर ने फोन भी बंद कर लिए। परेशान होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक ने ट्रक के ड्राइवर के खिलाफ अलवर गेट थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
मसूदा रोड श्री कॉलोनी, ब्यावर निवासी जितेंद्र साहू पुत्र रामचंद्र साहू ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी श्री चारभुजा फ्राईट केरियर के नाम से ट्रांसपोर्ट है। 18 फरवरी को भक्ति इंडस्ट्रीज नाका मदार अजमेर से एक वाहन में आर्डर अनुसार स्क्रेप का माल लोड करवा कर ममता स्टील कॉर्पोरेशन मोतिया खान मंडी गोविंदगढ़ पंजाब के लिए रवाना किया। वाहन का चालक व मालिक भगत सिंह पुत्र मोहन सिंह निवासी विला राजला जिला पटियाला पंजाब है। लेकिन वाहन के चालक व मालिक ने माल गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचाया। वाहन के मालिक व चालक ने अपने मोबाइल बंद कर रखे हैं। इस प्रकार भरवाया गए माल को धोखाधड़ी पूर्वक हड़प कर लिया। इस कारण दोनों कंपनियों के मालिक द्वारा उसे परेशान करना शुरू कर दिया है, अत: वाहन के चालक मालिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कार्रवाई की जाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच उपनिरीक्षक मोहम्मद जाबीर पठान को सौंपी है।
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84 लाख लेकर सड़क बनाना भूला PWD:DFCC ने 10 साल पहले दी राशि, अब खर्चा बढ़ा, भुगतेगा कौन, तय नहीं
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अजमेर जिले के फलौदा से तिलोनिया तक की पौने दो किलोमीटर सड़क रेलवे लाइन की जद में आई तो विभाग ने दस साल पहले डेडिकेडेट फ्रेट कोरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से मुआवजे के रूप में 84 लाख 15 हजार रुपए ले लिए। लेकिन सड़क आज तक नहीं बनी है। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग में कईं अफसर बदल गए, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई।
सड़क नहीं होने से परेशान ग्रामीणों ने शिकायत की तो अब मामला अफसरों की जानकारी में आया और अब इसकी कवायद शुरू की गई है। खास बात यह है कि उस समय ली गई इस राशि से अब वर्तमान समय में सड़क बनाना सम्भव नहीं है। इस सड़क निर्माण के लिए दो से तीन गुना राशि खर्च करनी पडे़गी। यह राशि कौन वहन करेगा, यह भी तय नहीं है। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी भी तय नहीं की गई और इसको लेकर अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। (पूरी खबर पढ़ने के लिए करें क्लिक)
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