जयपुर33 मिनट पहले
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पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान से वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर भारत आए पाक जासूस और उसके दो सहयोगियों को सात साल के कारावास की सजा मिली है। इन आरोपियों पर जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाक भिजवाने के आरोप था। इन आरोपों में दोषी मानते हुए मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 7 साल एवं अलग से 1 व 2 साल के कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई हैं।
एडीजी इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर ने बताया कि पाक के सांगड जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज पुत्र नर सिंह वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर जोधपुर आया था। आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर पहुंच भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भिजवा रहा था। सीआईडी इंटेलिजेंस की टीम ने 20 अगस्त 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत पाक जासूस नंदलाल उर्फ नंद महाराज गिरफ्तार किया था। अनुसंधान के दौरान नंद लाल की जासूसी में मदद करने के आरोप में दो अन्य पाक नागरिक भाइयों गौरीशंकर व प्रेम चंद पुत्र खेमचंद को गिरफ्तार किया था।
दोनों भाई भी पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद दोनों जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरिनगर और शंकर नगर में अलग-अलग मकान में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि अनुसंधान के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ 16 नवंबर 2016 को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम के न्यायालय में सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा चार्जशीट पेश की गई। जहां सुनवाई में तीनों अभियुक्तों को शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धाराओं में दोष सिद्ध पाए जाने पर 7 वर्ष की सजा सुनाई गई।
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