जैसलमेर43 मिनट पहले
जैसलमेर। गड़ीसर लेक के पानी को गंदा करते लोग।
जैसलमेर जिले में पिछले साल मानसून की मेहरबानी से तालाब, सरोवर पानी से लबालब हो गए हैं। इस बार पानी इतना बरसा की शहर स्थित ऐतिहासिक और परम्परागत व मशहूर पर्यटन स्थल गड़ीसर लेक भर गए। सैलानियों की आवाजाही और पिकनिक स्पॉट के तौर पर लोगों की पसंदीदा जगह अब गंदी हो रही है। लोगों ने गड़ीसर लेक में नहाना और कपड़े धोना शुरू कर दिया है। यहां पर सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं होने की वजह से हादसों का डर लगा रहता है।
कई बार लोग गड़ीसर लेक में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में बाहर से आए मजदूर रोज सुबह इसी पानी में नहलाने के साथ साथ कपड़े धोकर इस पानी को गंदा करने का काम कर रहे हैं। मगर इनको रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।
चेतावनी बोर्ड के बावजूद नहीं मान रहे लोग
गड़ीसर में खतरा, सुरक्षा नहीं
हर साल गड़ीसर लेक में नहाने उतरे कई लोग वापस नहीं लौटते है। प्रशासन व नगर परिषद भी हर बार हादसों के बाद जागता है। हालांकि कई बार गड़ीसर पर पुलिस पहरा भी बैठाया जाता है। लेकिन इन दिनों सुरक्षा व्यवस्था कहीं नजर नहीं आ रही है। बाहर से आए सैकड़ों मजदूर रोजाना गड़ीसर लेक में अपने परिवार समेत नहाने और कपड़े धोने चले आते हैं। लोग रोकते टोकते हैं मगर वे किसी की नहीं सुन रहे हैं, ऐसे में पानी तो गंदा हो रहा है वहीं जान का खतरा भी बना हुआ है। कभी कोई डूब गया तो उस समय कोई बचाने वाला भी मौजूद नहीं होगा।
कभी था पीने के पानी का बड़ा स्त्रोत
गड़ीसर लेक का निर्माण जैसलमेर के संस्थापक राजा रावल जैसल ने 1156 ईस्वी में करवाया था। बाद में साल 1367ईस्वी के आसपास गड़सी सिंह द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराया गया। ये लेक एक कृत्रिम झील है जो जैसलमेर किले से लगभग 1.5 किमी दूर स्थित है। इस लेक का पानी पूरा शहर पहले पीता था। ये पूरे शहर की प्यास बुझाती थी।

छोटे बच्चों पर डूबने का खतरा
Source link
Recent Comments