जयपुरएक घंटा पहले
केन्द्रीय वित्त आयोग से प्रदेश की नगरीय निकायों को मिलने वाली फंड (अनुदान राशि) को लेकर शहरी विकास मंत्रालय ने निकायों की टेंशन बढ़ा दी है। मंत्रालय ने उन निकायों को चेतावनी दी है, जो अपने एरिया में प्रोपर्टी टैक्स यानी नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) की वसूली नहीं कर पा रहे है। निर्धारित ग्रोथ रेट से वसूली नहीं करने वाली निकायों को मिलने वाली फंड राशि रोक दी जाएगी।
दरअसल, पिछले दिनों मंत्रालय की ओर से एक लेटर फाइनेंस विभाग के एसीएस और स्वायत्त शासन विभाग के सचिव को लिखा गया। इसमें सभी निकायों को 15वें वित्त आयोग के तहत साल 2023-24 में मिलने वाली फंड साढ़े चार फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ देने के लिए कहा है। लेकिन मंत्रालय ने साथ ही उन निकायों पर भी नाराजगी जताई है, जो निर्धारित ग्रोथ रेट (साढ़े चार फीसदी) के अनुसार अपने एरिया में यूडी टैक्स वसूल नहीं कर पा रहे।
मंत्रालय ने 19 निकायों की सूची जारी करते हुए उनमें से 12 निकायों की वसूली रेट नेगेटिव में दर्शाते हुए चेतावनी दी है कि अगर ये निकाय निर्धारित ग्रोथ रेट की वृद्धि के साथ यूडीटैक्स की वसूली नहीं करती तो वह निकाय फंड प्राप्त करने के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगी। उन्होंने आगामी वित्तवर्ष की फंड प्राप्त नहीं होगी।
इन निकायों पर जताई नाराजगी
मंत्रालय की ओर से जारी सूची में नगर पालिका लाडनू, अनूपगढ़, लालसोट, छोटी सादड़ी, रायसिंह नगर, विद्याविहार, डीडवाना, मेड़तासिटी, मकराना, रींगस, सागवाड़ा और पिंडवाड़ा नगर पालिका है। इन निकायों ने वित्त वर्ष 2021-22 में यूडीटैक्स की वसूली वित्तवर्ष 2020-21 की तुलना में 2 लेकर 97 फीसदी तक कम की है।
इन निकायों की रही ज्यादा बुरी स्थिति
सबसे ज्यादा बुरी स्थिति तो छोटी सादड़ी नगर पालिका की रही। यहां वित्तवर्ष 2021-22 में यूडीटैक्स की वसूली 5 लाख 26,743 रुपए थी, जो वित्तवर्ष 2020-21 में 3,430 रुपए ही रह गई। इसी तरह मकराना नगर पालिका में यूडीटैक्स की वसूली वित्तवर्ष 2021-22 में 4 लाख 30,043 रुपए थी, जो वित्तवर्ष 2020-21 में 10,195 रुपए ही हो सकी। मेड़तासिटी पालिका में भी वित्तवर्ष 2021-22 में यूडीटैक्स की वसूली 5 लाख 39,855 रुपए थी, जो वित्तवर्ष 2020-21 में 91,754 रुपए पर ही अटक गई।
जयपुर में ग्रेटर और हैरिटेज की स्थिति भी खराब
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 46.30 करोड़ का यूडीटैक्स वसूल किया था, लेकिन इस साल अब तक यानी 24 फरवरी तक 33.47 करोड़ रुपए ही वसूली हो सकी है। इसी तरह नगर निगम हैरिटेज में पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 25.33 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी, लेकिन इस बार 18.23 करोड़ रुपए की ही अब तक वसूली हुई है। ऐसे में दोनो ही नगर निगम के पास अब केवल एक महीने का समय बचा है। अगर दोनों ही निगम अपने पिछले वित्तवर्ष की गई वसूली से ज्यादा वसूली नहीं कर सके तो दोनों निगमों को अगले वित्तवर्ष में वित्त आयोग से फंड नहीं मिलेगी।
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