ज्ञानवापी परिसर
– फोटो : अमर उजाला
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) वाराणसी के ज्ञानवापी में सील किए गए वजू खाना को छोड़कर बैरिकेडिंग के अंदर के बाकी हिस्से का रडार तकनीक से सर्वेक्षण करेगा। यह आदेश शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी के मूल वाद पर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि एएसआई बताए कि सर्वे कैसे और कैसे किया जाएगा ताकि ज्ञानवापी परिसर में कोई नुकसान न हो. सर्वे को लेकर एएसआई को पूरी तैयारी के साथ 4 अगस्त तक रिपोर्ट दाखिल करनी है. सर्वे कब शुरू होगा, यह 4 अगस्त को पता चल सकेगा.
इधर, कोर्ट के आदेश के साथ ही वाराणसी कोर्ट परिसर हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन हों या याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक, सभी फैसला सुनने के बाद नाचने लगे. हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. एएसआई और वैज्ञानिक सर्वेक्षण से सामने आएगी परिसर की सच्चाई
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कोर्ट का फैसला मंदिर समर्थकों के लिए निर्णायक मोड़
इस बात को लेकर हिंदू पक्ष खुश है कि उनकी मांग मान ली गई है. हिंदू पक्ष के वकील सोहनलाल आर्य ने कहा कि 1984 से हम संघर्ष कर रहे थे. आज का फैसला सभी मंदिर समर्थकों के लिए निर्णायक मोड़ है. वहीं कोर्ट के इस आदेश को मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला जज के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
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