होलाष्टक 2023
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इस वर्ष होलाष्टक 27 फरवरी से 7 मार्च तक नौ दिनों का रहेगा। तिथि बढ़ने से होलाष्टक में एक दिन की वृद्धि हुई है। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक कहा जाता है। यानी धुलंडी से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। इन दिनों में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
पंडित मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस बार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि 27 फरवरी को दोपहर 12:59 बजे से शुरू हो रही है, जो 7 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा तक है। होलाष्टक में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं।
इन ग्रहों की उग्रता के कारण मनुष्य की निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे कई बार गलत फैसले भी हो जाते हैं। जिनकी कुण्डली में चंद्रमा और वृश्चिक राशि नीच का हो या चंद्रमा छठे या आठवें भाव में हो, उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहना चाहिए।
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