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जयशंकर ने कहा कि आज जो ताकतें दशकों तक भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में लिप्त रहीं और जिसे भारत ने सहन किया, उन्हें अब पता चल गया है कि यह अलग भारत है और यही भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जो ताकतें दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में लिप्त हैं, वे अब जानती हैं कि यह एक “अलग भारत” है, जो उन्हें जवाब देगा। 12 अप्रैल को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने देश के एक नए भारत में परिवर्तन के बारे में बात की। अपनी सीमाओं पर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि आज, लोग एक अलग भारत देखते हैं जो खड़े होने को तैयार है और भारत जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करेगा चाहे वह उरी हो या चाहे वह बालाकोट हो। वह 2016 में पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के उग्रवादियों द्वारा भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर किए गए उरी हमले और पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय युद्धक विमानों द्वारा आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर किए गए 2019 के बालाकोट हवाई हमले का जिक्र कर रहे थे।
आज जो ताकतें दशकों तक भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में लिप्त रहीं और जिसे भारत ने सहन किया, उन्हें अब पता चल गया है कि यह अलग भारत है और यही भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने चीन से लगी सीमा पर चुनौतियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से समझौतों का उल्लंघन कर चीन बड़ी संख्या में बल लेकर आया है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना काफी ऊंचाई पर और बेहद कठिन परिस्थितियों में तैनात है। यह स्थिति अतीत से अलग है क्योंकि भारतीय सैनिकों के पास अब “पूर्ण समर्थन है, उनके पास सही उपकरण और बुनियादी ढांचा है।
उन्होंने स्वीकार किया कि चीन से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए और काम करना होगा क्योंकि अतीत में इसकी उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा, “यह एक अलग भारत है जो अपने हितों के लिए खड़ा होगा और दुनिया इसे पहचानेगी। आज उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होती हैं। यह एक अधिक स्वतंत्र भारत है। आज, भारत उन देशों के दबाव में नहीं आ सकता है जो हमें बताएंगे कि हमें अपना तेल कहां से खरीदना चाहिए और कहां से हमें अपना तेल नहीं खरीदना चाहिए।
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