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हालांकि इन दस्तावेज़ों पर अमेरिकी अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। एसोसिएटिड प्रेस (एपी) ने इन्हें देखा है। वहीं अरब देश ने सोमवार को इस आरोप को झूठा बता कर खारिज किया कि यूएई ने रूस की खुफिया एजेंसी के साथ अपने रिश्ते गहरे किए हैं।
अमेरिका के कुछ कथित रूप से लीक खुफिया दस्तावेजों में सामने आया है कि रूस के खुफिया अधिकारियों ने तेल समृद्ध संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को अमेरिका एवं ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों के खिलाफ काम करने के लिए राज़ी कर लिया था।
हालांकि इन दस्तावेज़ों पर अमेरिकी अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। एसोसिएटिड प्रेस (एपी) ने इन्हें देखा है।
वहीं अरब देश ने सोमवार को इस आरोप को झूठा बता कर खारिज किया कि यूएई ने रूस की खुफिया एजेंसी के साथ अपने रिश्ते गहरे किए हैं।
लेकिन अमेरिका की चिंता बढ़ गई है कि यूएई, रूस और रूसियों पर यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को विफल करने की अनुमति दे रहा है।
दस्तावेज़ में नौ मार्च के एक शोध का हवाला है जिसका शीर्षक ‘ रूस/यूएई: खुफिया रिश्ते गहरे।” अमेरिकी अधिकारियों ने दस्तावेज़ की प्रमाणिकता की पुष्टि करने से इनकार किया है। हालांकि यह उन दस्तावेज़ों की तरह लगता है जो हाल में लीक हुए हैं।
न्याय विभाग पेंटागन के दस्तावेज़ लीक होने के अंदेशे की जांच कर रहा है। इन्हें कई सोशल मीडिया साइट पर साझा किया गया है। ऐसा लगता है कि उनमें यूक्रेन को अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की मदद का विवरण है और अमेरिकी सहयोगियों के संबंध में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मूल्यांकन है। इससे उन देशों के साथ रिश्तों में तनाव आ सकता है।
अमेरिका के अधिकारियों ने कहा कि कुछ दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है या उनका इस्तेमाल दुष्प्रचार अभियान के तहत किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा कि “ हम जानते हैं कि कुछ मामलों में सूचना से छेड़छाड़ की गई है” , इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
इसबीच सामने आया है कि वाशिंगटन को हिला देने वाले खुफिया दस्तावेज़ सोशल मीडिया मंच ‘डिसकॉर्ड’ पर लीक होने शुरू हुए। यह मंच गेम खेलने वालों के बीच लोकप्रिय है।
इस पर हुई‘चैट’ में शामिल एक सदस्य के मुताबिक, मंच पर कोई चर्चा चल रही थी जो यूक्रेन के मुद्दे तक पहुंच गई और फिर किसी अज्ञात व्यक्ति ने दस्तावेज़ साझा किए जो कथित रूप से खुफिया थे।
पहले समझा गया कि यह व्यक्ति की अपनी राय है और ये कुछ महीने तक वहीं पड़े रहे और कुछ हफ्तों पहले तक किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया लेकिन यह सोशल मीडिया पर फैलने लगा और कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों ने इस बारे में खबर दी। इसके बाद लीक को लेकर अमेरिकी अधिकारी चिंतित हुए और उन्होंने जांच शुरू की।
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