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वित्त मंत्री ने क्या की तो क्या साल 1947 की तुलना में मुस्लिम आबादी बढ़ती। जो उसी समय बने पाकिस्तान के विपरीत है। इसके अलावा सीतारमन ने कहा कि पाकिस्तान में हर अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या घट रही है या उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में मुस्लिमों की स्थिति और नकारात्मक पश्चिमी धारणा को लेकर बड़ा बयान दिया है। वित्त मंत्री ने पशिमी अवधारणा पर भी करारी चोट की है। उन्होंने अमेरिका में पीटरसन इंस्टिट्यूट फ़ॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है और इस आबादी की संख्या बढ़ ही रही है। अगर कोई धारणा है या वास्तव में ऐसा है कि उनका जीवन कठिन है या फिर स्टेट के समर्थन से कठिन बना दिया गया है। जिस तरह के इन अधिकांश लेखों में इशारा किया गया है। तो मैं पूछुंगी की भारत में ऐसा होता ।
वित्त मंत्री ने क्या की तो क्या साल 1947 की तुलना में मुस्लिम आबादी बढ़ती। जो उसी समय बने पाकिस्तान के विपरीत है। इसके अलावा सीतारमन ने कहा कि पाकिस्तान में हर अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या घट रही है या उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यहां तक कि कुछ मुस्लिम वर्ग को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जबकि आप भारत में पाएंगे कि हर वर्ग का मुसलमान अपना कारोबार कर रहा है। उनके बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है और फेलोशिप दी जा रही है। कुल मिलाकर कहे तो निर्मला सीतारमण ने दो टूक ये बात कही है कि भारत में सब एकसाथ मिलकर विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति
पाकिस्तान में हिंदू आबादी अल्पसंख्यक और गरीब है। देश की विधायी प्रणाली में उनका प्रतिनिधित्व नगण्य है। वहां के सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के 22,10,556 लोग रहते हैं, जो देश की कुल रजिस्टर्ड आबादी का केवल 1.18 प्रतिशत हैं।
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