प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, उनके चीनी समकक्ष छिन कांग और अफगानिस्तान के तालिबान शासन द्वारा नियुक्त कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी ने चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की पांचवीं वार्ता की।
पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान बीजिंग समर्थित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का अफगानिस्तान तक विस्तार कर करीबी आर्थिक संबंध बनाने पर सहमत हुए हैं ताकि क्षेत्रीय संपर्क के केंद्र के रूप में देश की क्षमता का पूरी तरह दोहन किया जा सके।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, उनके चीनी समकक्ष छिन कांग और अफगानिस्तान के तालिबान शासन द्वारा नियुक्त कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी ने चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की पांचवीं वार्ता की।
वार्ता में उन्होंने किसी भी समूह को किसी भी राष्ट्र के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इस्लामाबाद में छह मई को हुई बैठक के दो दिन बाद सोमवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, तीनों देशों ने क्षेत्रीय संपर्क (कनेक्टिविटी) के केंद्र के रूप में अफगानिस्तान की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के अपने संकल्प को दोहराया और ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के तहत त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने तथा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को संयुक्त रूप से अफगानिस्तान तक विस्तारित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
सीपीईसी 60 अरब डॉलर की परियोजना है जिसका उद्देश्य बलूचिस्तान स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ना है। भारत इस परियोजना पर आपत्ति जताता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
अन्य न्यूज़
Recent Comments